कोरबा । ठगी का भगोड़ा आरोपी के के श्रीवास्तव ने कोरबा सहित राजस्थान तक के लोगों को कथित रूप से करोड़ों रुपयों का चूना लगाया है। उसके पुलिस की पकड़ में आने के बाद कई आश्चर्यजनक खुलासा होने का दावा किया जा रहा है। रायपुर पुलिस द्वारा के के श्रीवास्तव को भगोड़ा घोषित कर उसकी गिरफ्तारी पर इनाम की घोषणा होने के बाद शहर में उसके सम्बन्ध में नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है। कांग्रेस शासनकाल में के के श्रीवास्तव कोरबा जिले सबसे ज्यादा ताकतवर राजनीतिक शख्स मने जाते थे। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद भी उसका व्यवसायिक हित अप्रभावित ही रहा। कहा जाता है कि उसने सत्ता बदलते ही सत्तारूढ़ दल के किसी प्रभावशील नेता से रातों रात गठजोड़ कर लिया था, जिसकी बदौलत चंद दिनों के विराम के बाद उसकी गाड़ी फिर फर्राटे भरने लगी।सूत्रों ने बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस के शासनकाल में के के श्रीवास्तव का कोरबा आगमन हुआ था। तब जिले के पावर प्लांट फ्लाईएश निपटान की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। ऐसे में के के श्रीवास्तव फरिश्ते की तरह कोरबा में प्रगट हुआ। उसने प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपने कथित करीबी रिश्तों का हवाला देकर बाजार डर से तीन से चार गुना अधिक डर पर फ्लाईएश परिवहन का ठेका हासिल कर लिया। शर्त यह थी कि फ्लाईएश डिस्पोजल के लिए लो लाईन एरिया की व्यवस्था भी ठेकेदार करेगा। बहरहाल, अपने राजनीतिक रसूख के बलबूते के के श्रीवास्तव ने कोरबा जिले के नदी नाले, जंगल और लो लाइन एरिया को राख से पाट दिया। इस दौरान जिले के पर्यावरण को अकल्पनीय क्षति पहुंची। राजस्व और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने आंख मूंदकर लो लाइन एरिया का निर्धारण किया और रॉकेट की गति से अनुमति जारी की। कोरबा में के के श्रीवास्तव से सम्पर्क में रहे एक सूत्र ने बताया कि वह बेहद शालीन और मिलनसार व्यक्ति है। अपने भारी भरकम रसूख के बाद भी वह मिल बांटकर खाने में विश्वास करता था। किसी सरकारी अफसर- कर्मचारी से जो भी कम करता था, उसका भरपूर दाम अदा करता था। बताया जाता है कि - के के श्रीवास्तव की करीब तीन साल तक कोरबा में तूती बोलती थी। यहां तक कि कलेक्टर एस पी भी उसकी खबर पाकर उसका इंतजार करते थे और उसे हाथों हाथ लेते थे। खैर, असली बात तो यह है कि के के श्रीवास्तव पर कोरबा में अनेक लोगों का लाखों रुपया दबाकर बैठ जाने का आरोप है। बताया जा रहा है कि सत्ता परिवर्तन के बाद उसने अनेक लोगों का परिवहन कार्य का भुगतान नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार इनमें एक ट्रांसपोर्टर राजस्थान का बताया जा रहा है, जिसका करीब 7 करोड़ रुपयों का भुगतान बाकी है? सूत्रों की मानें तो कई ट्रांसपोर्टर के के श्रीवास्तव के पीछे पीछे अपने भुगतान के लिए घूम रहे हैं।उल्लेखनीय है कि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछली कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री के बेहद करीबी होने का दावा करने वाले के. के. श्रीवास्तव ने एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी को अरबो रुपए का काम दिलाने का भरोसा दिलाया था। इसके एवज में उसने तकरीबन 15 करोड रुपए की ठगी की घटना को अंजाम दिया था । पूरा मामला अब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में है जिस पर गंभीरता से सुनवाई हो रही है। दरअसल, दिल्ली के रावत एसोशिएट के डायरेक्टर अर्जुन रावत ने रायपुर में शिकायत की है। जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी हाईवे कंस्ट्रक्शन, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और सरकारी बिल्डिंग का निर्माण करती है। 2023 में आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन उनको रायपुर लेकर आए थे।शिकायतकर्ता ने बताया कि, इस दौरान उसकी मुलाकात बिलासपुर में रहने वाले के के श्रीवास्तव से हुई।के के श्रीवास्तव अनुरागीधाम के कर्ताधर्ता हैं। आरोप है कि उन्होंने खुद को तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल का करीबी बताकर ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रुपए ले लिए, लेकिन, काम नहीं दिलाया। इस सम्बंध में पर चल है कि कांग्रेस सरकार में पावरफुल रहे बिलासपुर निवासी के के श्रीवास्तव 15 करोड़ की ठगी कर फरार है। पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है। उस पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। दूसरी ओर उसने बिलासपुर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी है, जिस पर सोमवार 7 अक्टूबर 2024 को सुनवाई होगी। के के श्रीवास्तव ने कोरबा में करीब 3 साल तक एकछत्र राज किया और जिले की जल, जंगल, जमीन को जहरीला फ्लाईएश से बर्बाद कर दिया।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपित के के श्रीवास्तव ने पांच बैंक खातों का उपयोग किया है। उसमें 300 करोड़ का लेन-देन हुआ है। यह खाते ई डब्ल्यू एस मकानों के रहने वालों नाम पर है। पुलिस ने इसकी जांच आयकर विभाग को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि ईडी भी जल्द ही इस मामले की जांच शुरू कर सकती है। तेलीबांधा थाना पुलिस आरोपित की तलाश में लगी है। उसके कई ठिकानों में पुलिस ने दबिश दी, लेकिन वे परिवार सहित फरार है। बताया जाता है कि के के श्रीवास्तव पूर्व सीएम भूपेश बघेल के लिए विशेष पूजा-पाठ करते थे। वह खुद को भूपेश बघेल का गुरु भाई बताता था। इस कारण पूर्व सीएम का अक्सर उनके बिलासपुर निवास जाना होता था। इसके अलावा श्रीवास्तव सरकार से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों के संपर्क में भी था।
संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved
Powered By Global Infotech.