रायपुर संभाग युवा प्रकोष्ठ की वर्चुअल बैठक में रचनात्मक कार्यों पर जोर…..

रायपुर संभाग युवा प्रकोष्ठ की वर्चुअल बैठक में रचनात्मक कार्यों पर जोर…..

नई दिल्ली । यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से करीब 18 हजार भारतीय युद्धग्रस्त देश को छोड़ चुके हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, हमारी पहली एडवाइजरी जारी होने के बाद से कुल 18,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन की सीमा छोड़ चुके हैं। ऑपरेशन गंगा के तहत 30 उड़ानें अब तक यूक्रेन से 6,400 भारतीयों को वापस ला चुकी हैं। अगले 24 घंटों में, 18 उड़ानें निर्धारित की गई हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, हमें यूक्रेनी अधिकारियों के सहयोग से पता चला है कि, कई छात्रों ने कल खारकीव छोड़ दिया। कुछ अभी भी फंसे हुए हैं। उनको निकालने के लिए हम यूक्रेन और रूस के संपर्क में हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि शुरुआत में यूक्रेन में 20,000 भारतीय नागरिकों का पंजीकरण किया गया था, लेकिन कई ऐसे भी थे जिन्होंने पंजीकरण नहीं कराया था। हमारा अनुमान है कि कुछ सौ नागरिक अभी भी खारकीव में रह रहे हैं। हमारी प्राथमिकता छात्रों को सुरक्षित रूप से बाहर ले जाना है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के अभियान की गति लगातार तेज हो रही है। इसने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान भारत में 15 उड़ानें उतरीं, 3,000 से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया है। यूक्रेन से निकासी प्रक्रिया पर बयान देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीयों को वापस लाने के वास्ते अगले 24 घंटों के लिए 18 उड़ान निर्धारित की गई हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि उड़ानों की यह संख्या उन बड़ी संख्या में भारतीयों को दर्शाती है जो यूक्रेन से पार कर गए हैं और अब पड़ोसी देशों में हैं। हम इन सभी भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द भारत वापस लाने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यूक्रेन से भारतीयों को लाने के लिए लगाई गईं फ्लाइट्स में 3 फ्लाइट भारतीय वायुसेना सी-17 हैं बाकी के कमर्शिलय फ्लाइट हैं, जिनमें एयर इंडिया, ईंडिको,स्पाइस जेट, गो एयर और गो फर्स्ट के फ्लाइट है। विदेश मंत्रालय ने कहा, हम और उड़ानें शेड्यूल कर रहे हैं और अगले 2-3 दिनों में बड़ी संख्या में भारतीय वापस लौट आएंगे। मैं अपने लोगों की मेजबानी करने और उन्हें निकालने में सहायता प्रदान करने के लिए यूक्रेन की सरकार और पड़ोसी देशों की सराहना करना चाहता हूं।