वाराणसीः उल्दी, दस्त, सिरदर्द और बेचैनी वाले मरीजों से अट गए अस्पताल, पांव रखने तक को जगह नहीं

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वाराणसी । अस्पताल में कई मरीज ऐसे पहुंचे जो उल्टी, दस्त, सिरदर्द से परेशान थे। यहां दोपहर में मंडलीय अस्पताल के गलियारे में इतने मरीज और परिजन थे कि उसमें इस पार से उस पार जाना मुश्किल था। ओपीडी में भी 1200 से अधिक मरीज पहुंचे, जिसमें करीब 300 ऐसे मरीज थे, जिनको उल्टी, दस्त, सिर में दर्द, तेज बुखार, बेचैनी थी। अस्पतालों में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ गई है। ओपीडी में मरीजों की कतार लगने के साथ ही इमरजेंसी वार्ड भी फुल हो गए हैं। गलियारे में स्ट्रेचर पर लिटाकर डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। बीएचयू अस्पताल, मंडलीय अस्पताल, जिला अस्पताल सहित स्वास्थ्य केंद्रों पर चलने वाली इमरजेंसी में कुछ ऐसा ही दृश्य दिखा। गर्मी से बीमार होकर अस्पतालों की इमरजेंसी में करीब 400 से अधिक मरीज पहुंचे, जिसमें 80 से अधिक को भर्ती करना पड़ा। इसमें महिलाओं, बुजुर्गों के साथ ही बच्चे भी शामिल हैं। मंडलीय अस्पताल की इमरजेंसी में वार्ड फुल होने के बाद मरीजों को दूसरे वार्डों में शिफ्ट किया गया।
मंगलवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में सुबह से लेकर रात तक करीब 120 मरीज पहुंचे, जिसमें से करीब 15 मरीजों को इमरजेंसी में प्राथमिक उपचार के बाद वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इसमें कोई सड़क पर चक्कर खाकर गिर गया था तो किसी को तेज बुखार था। मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा की इमरजेंसी में मंगलवार को 100 से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंचे। इमरजेंसी में करीब 20 मरीजों को भर्ती किया गया। इसमें पांच से अधिक मरीजों को तेज बुखार था जबकि तीन मरीज ऐसे थे जिनको चक्कर आ रहा था।
उधर विश्वनाथ धाम में मंगलवार की दोपहर में श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ी। सूचना मिलने के बाद गेट नंबर चार से पांच श्रद्धालुओं को 108 एंबुलेंस से मंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया। सरकारी अस्पतालों में आने वाले तेज बुखार वाले मरीजों के इलाज में आइस पैक से मसाज का सहारा लिया जा रहा है। मंगलवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में रखे आइसपैक खत्म हो गए तो रिजर्व स्टॉक में रखे पैक से उपचार किया गया।
दस दिन बाद तापमान में बढ़ोतरी का ग्राफ बीती रात नीचे आ गया। अधिकतम तापमान पिछले 24 घंटे में तीन डिग्री सेल्सियस होकर रिकॉर्ड बना गया। 54 साल बाद जून के महीने में तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार 1969 में न्यूनतम तापमान इस स्तर पर पहुंचा था। वहीं, दिन में नम हवाएं चलने से धूप का असर कम रहा। रात में शहर के कई इलाकों में 10 मिनट तक बारिश से मौसम बदल गया।
मौसम वैज्ञानिक इस बारिश को लोकल हीटिंग (एक स्थान पर बारिश होना, दूसरे पर न होना) के साथ ही प्री-मानसून की दस्तक बता रहे हैं। कई दिनों से गर्मी से परेशान लोगों को मंगलवार को थोड़ी राहत मिली। सुबह से ही बादलों की आवाजाही देखने को मिली, हवा में नमी रही। दोपहर में धूप भी अन्य दिनों की तुलना में थोड़ी कम रही। शाम को भी हवा चलती रही, इस कारण लोगों ने राहत महसूस की।
न्यूनतम तापमान 31.6 (सोमवार का तापमान) से बढ़कर 33.2 रिकॉर्ड किया गया। वहीं, अधिकतम तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस (सोमवार का तापमान) रहने के बाद मंगलवार को 43.1 दर्ज किया गया। रात में पांडेयपुर, कचहरी, अनौला से लेकर नदेसर, सिगरा, लंका, भोजूबीर सहित कई जगहों पर तेज हवा के साथ 10 मिनट तक बारिश हुई। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव का कहना है कि दो-तीन दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा। 25 जून के बाद मानसून आने के आसार हैं।