मनरेगा के श्रमिकों की संख्या में हुई वृद्धि, 50 हजार 657 मजदूरों को प्रति दिन मिल रहा है काम

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- मनरेगा का मानव दिवस का हुआ लक्ष्य पूर्ण
      दुर्ग। जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की मूल अवधारणा हर हाथ को काम मिले और काम का पूरा दाम मिले। जिले में यह अवधारणा पूरा होते हुए दिख रहा है। मनरेगा के तहत श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु जिले के 103514 पंजीकृत परिवारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 35 लाख 48 हजार 633 का मानवदिवस रोजगार देने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसमें जिले में 36 लाख 50 हजार 605 मानवदिवस का रोजगार सृजित किया गया। ग्रामीण परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मनरेगा योजना ने पूरा योगदान दिया। मनरेगा के तहत वर्ष 2023-24 में कुल 3400 निर्माण कार्य के लिए 12106.50 लाख व जनपद पंचायत दुर्ग में 863 कार्य, जनपद पंचायत धमधा में 1313 कार्य, जनपद पंचायत पाटन 1224 कार्य स्वीकृत किया गया है। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार बैंक खाता का आधार सीडिंग कर समयबद्ध मजदूरी भुगतान किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को आर्थिक सहायता मिल रही है। 
            जिले में प्रति दिन 50 हजार 657 मजदूर कार्य कर रहे हैं। सभी श्रमिकों का बैक खाता का आधार सीडिंग के आधार से भुगतान किया जा रहा है। ग्रामीणों को 76 करोड़ 62 लाख 73 हजार रूपए का मजदूरी भुगतान किया जा चुका है। मनरेगा में पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए एनएमएमएस एप के माध्यम से श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज की जाती है। 
            एनएमएमएस एप के माध्यम से सुबह-शाम मजदूरों की उपस्थिति विवरण एवं मजदूरों द्वारा कार्य करते हुए फोटोग्राफ्स अपलोड किया जाता है। उपस्थित विवरण के अनुसार ही मजदूरी भुगतान किया जाता है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अश्वनी देवांगन ने बताया कि मनरेगा के तहत प्रोजेक्ट उन्नति में 100 दिवस कार्य कर चुके मजदूरों को आत्मनिर्भर होने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वह श्रमिक कार्यो के अलावा अन्य रोजगार मूलक साधन में दक्ष प्राप्त कर सके। जिसके तहत लक्ष्य 217 के विरूद्ध 235 श्रमिकों को प्रशिक्षण दिया गया।