पृथ्वी पर मानव अस्तित्व और जीव सृष्टि को बचाना है तो प्लास्टिक का उपयोग तत्काल बंद करना होगा: डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर

पृथ्वी पर मानव अस्तित्व और जीव सृष्टि को बचाना है तो प्लास्टिक का उपयोग तत्काल बंद करना होगा: डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर
RO No.12784/129

RO No.12784/129

RO No.12784/129

 - सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर तुरंत रोक लगे - डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर 

रायपुर। आज अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस पर स्पर्श सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थान रायपुर द्वारा चांगोराभाठा रायपुर में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें स्पर्श के अध्यक्ष डॉ.पुरुषोत्तम चंद्राकर ने कहा कि हर साल 3 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को एकल उपयोग वाले प्लास्टिक बैग के नुकसान के बारे में जागरूक करना और टिकाऊ विकल्पों का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना है। सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त हो इसके लिए छत्तीसगढ़ में भी सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाया गया लेकिन यह सिर्फ कागजों में ही है बाजार में शासन प्रशासन की नाक के नीचे कम माइक्रोन या मोटाई वाले सिंगल यूज प्लास्टिक खुले आम बिक रहे हैं। 
डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि प्लास्टिक थैलियों पर प्रतिबंध है कई बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं नगर निगम रायपुर द्वारा दुकानों, कारखानों पर छापा मार कर प्लास्टिक थैलियां का अवैध माल जप्त किया जाता है परंतु हम सभी जानते हैं की पाबंदी के बावजूद बड़ी मात्रा में प्लास्टिक थैलियां का अवैध व्यापार और उपयोग धड़ल्ले से जारी है, सब्जी बाजार में सब्जी बेचने वाले एवं दुकानदार के मना करने के बावजूद ग्राहक प्लास्टिक थैलियां की मांग करते हैं ऐसे लोगों की बेवकूफी का खामियाजा अन्य लोगों और पर्यावरण को भुगतना पड़ता है जिससे मासूम जीवों की जान भी चली जाती है बहुत बार हमें रास्ते, दुकान, स्ट्रीट वेंडर, किराना दुकान, होटल, सब्जी भाजी, फल वाले, खाद्य पदार्थ विक्रेता छोटे-मोटे दुकानदार की तरफ बंद प्लास्टिक थैलियों का इस्तेमाल नजर आता है, थैलियां इस्तेमाल हो रही है मतलब ऐसी अवैध प्लास्टिक थैलियों का उत्पादन शुरू है।
डॉ.पुरुषोत्तम चंद्राकर ने कहा कि पृथ्वी पर मानव अस्तित्व और जीवसृष्टि को बचाना है तो प्लास्टिक का इस्तेमाल तुरंत बंद करना होगा प्लास्टिक के अलावा अन्य पदार्थ का अनुकरण करके पर्यावरण की रक्षा करनी होगी लोग प्लास्टिक का अधिक उपयोग करने के आदी हो गए हैं आलस और स्वार्थ वृत्ति छोड़कर कपड़े या कागज की थैलियों का उपयोग करें, पैसे से ज्यादा प्रकृति को प्रधानता दे।
पृथ्वी पर मानव ने अपने सुख के लिए नए-नए आविष्कार किया परंतु जरूरत से ज्यादा प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हुआ आज अपने सुख के लिए मानव प्रकृति के साथ खिलवाड़ करके पृथ्वी को नष्ट करने पर तुला है जबकि पृथ्वी पर मानव अस्तित्व के साथ ही संपूर्ण जीव सृष्टि के लिए भी धोखा निर्माण हो गया है तेजी से बदलता जलवायु परिवर्तन मानव निर्मित कर्म का नतीजा है अमेरिका के स्वतंत्र अनुसंधान संस्थान हेल्थ इंपैक्ट इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट ने बताया कि 2021 में 81 लाख मौतें वायु प्रदूषण के कारण हुई भारत में 21 लाख और चीन में 23 लाख मौत के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार है इंस्टिट्यूट का यह आंकड़ा बहुत ही ज्यादा है वायु प्रदूषण के साथ ही जल प्रदूषण, प्लास्टिक प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ई कचरा, जैव चिकित्सा, अपशिष्ट घातक रसायनों का उपयोग लाखों लोगों को हर साल घातक बीमारियों से जकड़ कर असमय मौत दे रहे हैं।
डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर ने कहा कि प्रदूषण से पशु -पक्षी, वन्य जीव, समुद्री जीव तेजी से खत्म हो रहे हैं। 
पृथ्वी पर प्लास्टिक प्रदूषण इस तरह से बढ़ा है कि अगर आज पूरे विश्व में प्लास्टिक बंद हो जाए तो भी हजार साल उसका अस्तित्व वातावरण में नजर आएगा। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आज के वर्तमान युग में हम रोज प्लास्टिक खा रहे हैं, पी रहे हैं और प्लास्टिक मिश्रित ऑक्सीजन ले रहे हैं, वैश्विक स्तर पर हर साल प्रति व्यक्ति संभावित रूप से 11,845 से 193,200 माइक्रो प्लास्टिक ग्रहण करता है, जो 7.7 ग्राम से 287 ग्राम प्रति व्यक्ति के बीच होता है इसका सबसे बड़ा जरिया हमारा पीने का पानी है।
डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर ने बताया कि विकासशील देश में हर 30 सेकंड में एक मौत के लिए प्लास्टिक कचरा जिम्मेदार है हर साल 4 लाख से 10 लाख लोग कुप्रबंधन प्लास्टिक कचरे के संपर्क में रहने के कारण कैंसर जैसी घातक बीमारियों से मरते हैं प्लास्टिक कचरे से हर साल 100 मिलियन समुद्री जीव मरते हैं हर साल 1,00,000 समुद्री जीव प्लास्टिक में उलझने से जान गवाते हैं, 
गर्म खाद्य पदार्थों के लिए प्लास्टिक का प्रयोग जहर जैसा है क्योंकि जैसे ही प्लास्टिक का गर्म पदार्थ से संपर्क होता है तो प्लास्टिक अपने जहरीले रसायनों को छोड़ता है जो खाद्य पदार्थों में मिलता है और उस खाद्य पदार्थों को खाकर इंसान जानलेवा बीमारियों का शिकार होता है इसलिए प्लास्टिक प्रदूषण के द्वारा मौतों में लगातार वृद्धि हो रही है। प्लास्टिक में मौजूद जहरीले रसायन मानव शरीर में हार्मोन गतिविधि को बदल सकते हैं प्लास्टिक में मौजूद विघटनकारी रसायन बांझपन मोटापा मधुमेह प्रोस्टेट या स्तन कैंसर थायराईड समस्याओं हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाते हैं प्लास्टिक की थैलियां को फोटोडिग्रेट होने में लगभग 300 साल और कुछ प्लास्टिक को 1000 साल तक लग जाते हैं, छोटे-छोटे जहरीले कणों में टूट जाते हैं जो मिट्टी और जल मार्ग को प्रदूषित करते हैं और जब जानवर पशु पक्षी या समुद्री जीव गलती से यह प्लास्टिक खा लेते हैं तो वह खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर जाते हैं प्लास्टिक को जलाने से उन्हें खत्म नहीं किया जा सकता क्योंकि जलने पर वह वायुमंडल में जहरीली गैस छोड़ते हैं जो वायु प्रदूषण का कारण बनती है। प्लास्टिक के उपयोग और अपशिष्ट को कम करने के लिए नीतिगत परिवर्तनों और प्रणालिगत समाधानों पर जोर दे।
 प्लास्टिक बैग पेट्रोलियम उत्पादों से बने होते हैं प्लास्टिक खाद्य भंडारण पैकेज में जहरीले रसायन होते हैं प्लास्टिक उत्पाद के दौरान जहरीले रसायन निकलते हैं साल 2050 तक महानगरों में मछलियों की तुलना में प्लास्टिक कचरा अधिक होगा हर साल दुनिया भर में करीब 500 बिलियन प्लास्टिक बैग इस्तेमाल किए जाते हैं यह बहुत ज्यादा बैग है दुनिया भर में हर सेकंड 160000 प्लास्टिक बैग का उपयोग किया जाता है जिसका जीवन काल लगभग 12 से 25 मिनट है दुनिया भर में हर मिनट लगभग 10 लाख प्लास्टिक पेय की बोतल बेची जाती है।
इसलिए मैं विनम्र निवेदन करता हूं शासन प्रशासन से एवं आम नागरिकों से कि हम सब सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करें। इसके लिए अन्य विकल्पों जैसे कपड़ा की थैलियों का उपयोग करें।
इस अवसर पर संस्था द्वारा सभी उपस्थित लोगों को कपड़े की थैलीयां वितरित की गई।