चित्रकार डी.एस.विद्यार्थी ने नवरात्रि पर मां दुर्गा को छत्तीसगढ़ी स्वरूप बनाया 

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भिलाई । नवरात्रि पर मां दुर्गा को छत्तीसगढ़ी स्वरूप में पेन्टिंग करने का काम प्रख्यात मॉडर्न आर्ट चित्रकार डी.एस.विद्यार्थी ने किया है। वर्तमान में वे गीता के 700 श्लोकों पर पेन्टिंग बना रहे हैं। दुर्गा माता के छत्तीसगढ़ी संस्करण पर समाजसेवी विमान भट्टाचार्य, रमेश भारती, प्रवीण कालमेघ, मीना देवांगन, मोहन बराल, साहित्यकार मेनका वर्मा और ललित कला अकादमी में छत्तीसगढ़ के प्रथम बोर्ड मेम्बर डा. अंकुश देवांगन ने उन्हें बधाई दी है।

        ज्ञात हो कि चित्रकार डी.एस.विद्यार्थी समकालीन भारतीय कलाजगत के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। वे अपने शोख-चटख रंग से सराबोर चित्रों के लिए जाने जाते हैं। माडर्न आर्ट होकर भी उनकी कला अपना अर्थ सीधे शब्दों में कह जाती है यही वजह है कि सामान्य जनमानस को बांधने में वे सफल रहे हैं। छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी उनकी कला को देखने लोग टूट पड़ते हैं। बहरहाल मां दुर्गा के छत्तीसगढ़ी परिधानयुक्त इस पेन्टिंग में भी उनकी यह शैली अपने पूरे चरम पर दिखती है। जहां ब्रम्हांड की वेदी पर धरती के नीले सुनहरे रंग की तरह माता की माया को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने महर्षि कपिलमुनि के सांख्य दर्शन से प्रेरित होकर इस चित्र का निर्माण किया है। जिसके एक हाथ में पुष्पगुच्छ है जो सृजन का प्रतीक है तो दूसरे हाथ में मशाल है जो संहार का वर्णन करती है। उन्होंने सिंह को भी तीन मुंह वाला बनाया है जो सत, रज, तम जैसे तीन गुणों को दर्शाती है वहीं सारे संसार में उसकी माया व्याप्त होने के कारण ही वह महामाया कहलाती है।