दक्षिणापथ। सर्दियों का मौसम जहां ठंडी हवाओं और गर्म कपड़ों का एहसास कराता है, वहीं यह मौसम हमारी आंखों के लिए कुछ परेशानियां भी लेकर आता है। ठंडी हवाएं, कम आर्द्रता (humidity), और इनडोर हीटर या ब्लोअर के प्रयोग से आंखों की नमी कम हो जाती है। नतीजा - सूखापन, जलन, लालपन और कभी-कभी संक्रमण भी।
आइए जानें कि सर्दियों में आंखों से जुड़ी आम समस्याएं कौन सी हैं और उनसे बचाव के आसान उपाय क्या हैं।
1. ड्राय आई (Dry Eye) - सबसे आम समस्या
सर्दियों में हवा ठंडी और शुष्क हो जाती है। घरों में हीटर या ब्लोअर चलाने से वातावरण और भी सूखा हो जाता है। इससे आंखों की नमी कम हो जाती है और ड्राय आई की समस्या होती है।
लक्षण:
आंखों में जलन या चुभन
रेत जैसी किरकिराहट महसूस होना
लालपन या धुंधलापन
कभी-कभी अत्यधिक पानी आना (रिफ्लेक्स टियरिंग)
सावधानियां और उपचार:
-कृत्रिम आँसू (Artificial tears) या लुब्रिकेंट आई ड्रॉप्स का प्रयोग करें।
-हीटर की हवा सीधे आंखों पर न लगने दें।
-ज्यादा पलकें झपकाएं, खासकर मोबाइल या कंप्यूटर देखते समय।
-पर्याप्त पानी पिएं — सर्दी में प्यास कम लगती है लेकिन शरीर को नमी की जरूरत रहती है।
-कमरे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
-बाहर जाते समय सनग्लासेस या गॉगल्स पहनें ताकि ठंडी हवा सीधे आंखों पर न लगे।
2. एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस (Allergic Conjunctivitis)
सर्दियों में घरों में धूल, मिट्टी, धुएं और ऊनी कपड़ों के रेशों से एलर्जी हो सकती है। इससे आंखों में खुजली, लालपन और पानी आने लगता है।
क्या करें:
-कमरे को साफ-सुथरा और हवादार रखें।
-चेहरा और हाथ बार-बार धोएं।
-आंखें न रगड़ें।
-ठंडी पट्टी (Cold compress) रखें, आराम मिलेगा।
-एलर्जी बढ़ने पर नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लें; एंटी-एलर्जिक आई ड्रॉप्स की आवश्यकता हो सकती है।
3. संक्रमण (Infective Conjunctivitis / Pink Eye)
सर्दियों में लोग बंद कमरों में अधिक समय बिताते हैं, जिससे वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण जल्दी फैलता है।
लक्षण:
-आंख लाल होना
-पानी या मवाद जैसा स्राव (डिस्चार्ज)
-पलकों का चिपकना
-हल्का दर्द या जलन
बचाव:
-तौलिया, रूमाल, तकिया, या कॉस्मेटिक्स किसी से साझा न करें।
-हाथों को बार-बार धोएं।
-आंखों को छूने या रगड़ने से बचें।
-संक्रमण होने पर डॉक्टर से सलाह लेकर उचित आई ड्रॉप्स का प्रयोग करें।
4. स्टाई या चालैज़ियन (Stye / Chalazion)
सर्दियों में तेल ग्रंथियां मोटी होकर बंद हो जाती हैं, जिससे पलकों पर दाने या फोड़े बन सकते हैं।
उपचार व बचाव:
-गुनगुने पानी की सेंक (Warm compress) दिन में दो बार करें।
-आंखों की सफाई का ध्यान रखें।
-सूजन को दबाएं या फोड़ने की कोशिश न करें।
-बार-बार होने पर नेत्र विशेषज्ञ से जांच कराएं।
5. स्नो ब्लाइंडनेस (Snow Blindness)
जो लोग पहाड़ी या बर्फीले इलाकों में जाते हैं, उन्हें बर्फ से परावर्तित (reflected) UV किरणों से कॉर्निया जल सकती है — इसे स्नो ब्लाइंडनेस कहा जाता है।
बचाव:
-हमेशा UV-प्रोटेक्टेड सनग्लासेस या गॉगल्स पहनें।
-सीधे बर्फ या तेज रोशनी की ओर न देखें।
6. कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों के लिए सुझाव
सर्दियों में हवा शुष्क होने से लेंस सूख सकते हैं और आंखों में जलन हो सकती है।
सुझाव:
- रीवेटिंग(Re-wetting) ड्रॉप्स का प्रयोग करें।
- लेंस पहनने का समय कम करें।
- लेंस की सफाई और हाइजीन का पूरा ध्यान रखें।
- घर पर लंबे समय तक रहने पर चश्मा पहनना बेहतर है।
7. सामान्य देखभाल के सुझाव
# कमरे में ह्यूमिडिफायर या पानी से भरा कटोरा रखें ताकि नमी बनी रहे।
# खूब पानी पिएं और हरी सब्जियाँ, गाजर, पालक, मछली, अलसी जैसे विटामिन A और ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं।
# हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें — यानी 20-20-20 रूल अपनाएं।
# बाहर जाते समय गॉगल्स या सनग्लासेस लगाएं।
# मेकअप सोने से पहले हटा दें ताकि संक्रमण का खतरा न रहे।
निष्कर्ष:
सर्दियों का मौसम आंखों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी से आप अपनी आंखों को स्वस्थ रख सकते हैं।
अगर आंखों में लगातार लालपन, दर्द, जलन या धुंधलापन महसूस हो, तो स्वयं दवा न लें - तुरंत किसी नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श करें।
आपकी आंखें अनमोल हैं - इनकी देखभाल उतनी ही जरूरी है जितनी आपकी सेहत की।
संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved
Powered By Global Infotech.