बिलासपुर। मतदाता सूचियों के गहन पुनरीक्षण कार्य में गलत जानकारी दिये जाने पर सजा हो सकती है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 31 के तहत इसे दण्डनीय अपराध माना गया है। चुनाव आयोग नई दिल्ली के निर्देशानुसार बिलासपुर सहित संपूर्ण छत्तीसगढ़ में विगत 4 नवम्बर से गहन पुनरीक्षण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। 1 जनवरी 2026 को अर्हता तिथि मानकर यह विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान जारी है। जिसके तहत गणना प्रपत्र के वितरण का कार्य लगभग पूरा हो गया है। वर्तमान में गणना पत्रों के संग्रहण एवं डिजिटाईजेशन का कार्य चल रहा है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल ने सभी नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे विशेष तौर पर देखें कि किसी मृत व्यक्ति या ऐसे व्यक्ति के संबंध में गणना प्रपत्र जमा करना जो अब भारत के नागरिक नहीं रहे हैं, या ऐसे निर्वाचक के मामले में जो जानता है कि उसका नाम मतदाता सूची में एक से अधिक स्थानों पर मौजूद है और वह एक से अधिक स्थानों के संबंध में गणना प्रपत्र जमा करता है और इस प्रकार गणना प्रपत्र में एक ऐसी घोषणा करता है जो गलत है या जिसके बारे में वह जानता एवं मानता है कि वह सत्य नहीं है, वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 31 के तहत दण्डनीय अपराध है। इस तरह की गलतियों से बचने की अपील कलेक्टर ने की है।
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