 
                        
                        
                        	
									   
        			        			    दुर्ग/भिलाई (मोरज देशमुख)। छत्तीसगढ़ की माटी से उठकर अपनी कला से पूरे देश और दुनिया में राज्य का नाम रोशन करने वाले पंथी नर्तक मिलाप दास बंजारे आज बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं। कभी मंचों पर नृत्य के माध्यम से भगवान घासीदास के संदेशों को जन-जन तक पहुँचाने वाले इस कलाकार की जिंदगी अब मुफलिसी में बीत रही है।
1987 में रूस तक पहुंचाई थी पंथी की गूंज ..
मिलाप दास बंजारे ने 1987 में रूस के कई शहरों में पंथी नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी थी। वहां छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति को पहली बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिली। इस प्रस्तुति के बाद उन्हें “पंथी के पथिक” कहा जाने लगा।
अब जिंदगी में अंधेरा...
वक्त ने करवट ली और बीमारी ने इस कलाकार को तोड़कर रख दिया। मधुमेह की गंभीर बीमारी के चलते उनका एक पैर काटना पड़ा। आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वे नकली पैर लगवाने की भी सामर्थ्य नहीं रखते। घर की हालत ऐसी है कि दवा और इलाज के लिए भी दूसरों की मदद पर निर्भर हैं।

सरकार और समाज से मदद की उम्मीद ...
मिलाप दास बंजारे अब मुख्यमंत्री और संस्कृति विभाग से सहायता की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर सरकार थोड़ी सी मदद कर दे, तो वे फिर से खड़े होकर युवाओं को लोकनृत्य की शिक्षा दे सकते हैं।
छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति का सच्चा सपूत ...
जिस कलाकार ने अपने नृत्य से छत्तीसगढ़ का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया, आज वही मदद का मोहताज है। यह न केवल एक कलाकार की पीड़ा है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत पर भी प्रश्नचिह्न है कि क्या हम अपने सच्चे सपूतों का सम्मान कर पा रहे हैं?
अब जरूरत है संवेदनशीलता की..
सरकार और समाज अगर आगे आए, तो मिलाप दास जैसे कलाकार फिर से कला की लौ जलाकर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा दे सकते हैं।
.jpeg) 
                                
                             
                                
                             
                                
                             
                                
                            .jpeg) 
                                
                             
                                
                             
                                
                             
                                
                             
                                
                             
                                
                            संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट 
 दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved
Powered By Global Infotech.