दुर्ग

जनपद सदस्य ने सामान्य सभा में उठाए दो बड़े मुद्दे, पारदर्शिता और जनसेवा सुनिश्चित करने पारित हुए प्रस्ताव

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पंचायतीराज अधिनियम का पालन हो और निकुम सीएचसी की बदहाली पर उठे सवाल- ढालेश साहू 
 दुर्ग।
जनपद पंचायत दुर्ग की सामान्य सभा की बैठक में बुधवार को जनपद सदस्य एवं किसान नेता ढालेश साहू ने पंचायत प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए दो प्रमुख मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि एक ओर पंचायत व्यवस्था में अधिनियमों का पालन नहीं हो रहा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी अत्यंत दयनीय है। पहले मुद्दे के रूप में साहू ने पंचायतीराज अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन पर सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की संचालन पुस्तिका के अनुसार प्रत्येक तीन माह में मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जनपद पंचायत की आय-व्यय रिपोर्ट सभा के समक्ष प्रस्तुत करना आवश्यक है, किंतु 4 मार्च 2025 को आयोजित प्रथम सम्मेलन के बाद अब तक यह प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। साथ ही, अधिनियम के अनुसार बैठक समाप्ति के दस दिन के भीतर कार्यवाही विवरण की प्रति सभी आमंत्रित सदस्यों को वितरित की जानी चाहिए, लेकिन जनपद पंचायत दुर्ग में इस नियम का भी पालन नहीं हो रहा है।
ढालेश साहू ने कहा कि यह नियमों की अवहेलना और पारदर्शिता के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है। उन्होंने सामान्य सभा में इस विषय पर चर्चा कराई और अधिनियम के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रस्ताव पारित करवाया।

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सभा के दौरान उन्होंने निकुम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की बदहाल स्थिति का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया। साहू ने कहा कि निकुम सीएचसी में गर्भवती महिलाओं और मरीजों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। पंजीयन कक्ष के बाहर महिलाएं और बुजुर्ग सिंडी पर बैठने को मजबूर हैं। साथ ही, अस्पताल में बार-बार बिजली गुल रहने से मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों दोनों को भारी परेशानी होती है।
उन्होंने कहा कि “निकुम जैसे प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र की दुर्दशा शासन की स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति को दर्शाती है। यदि गर्भवती महिलाएं सिंडी पर बैठने को मजबूर हैं, तो यह शासन की संवेदनहीनता का प्रमाण है। स्वास्थ्य विभाग को तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए, अन्यथा ग्रामीणों के साथ आंदोलन किया जाएगा।”
ढालेश साहू ने इस विषय को भी सामान्य सभा में उठाया, जिस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शीघ्र सुधार का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि निकुम सीएचसी दुर्ग और बालोद जिले की सीमा पर होने से पूरे अंचल के मरीजों के लिए यह महत्वपूर्ण केंद्र है, इसलिए प्रशासन को इसे प्राथमिकता में लेना चाहिए।साहू ने अंत में कहा कि पंचायत व्यवस्था की नींव पारदर्शिता पर टिकी है और यदि जनपद स्तर पर ही अधिनियमों की अनदेखी की जाएगी, तो शासन की विश्वसनीयता और जनता का भरोसा दोनों कमजोर होंगे।

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