दुर्ग (मोरज देशमुख)। जिले की ग्राम पंचायतों की आर्थिक स्थिति इन दिनों बेहद खराब दौर से गुजर रही है। पंचायतों को अब तक मूलभूत राशि एवं 15वें-16वें वित्त आयोग की राशि प्राप्त नहीं हुई है, जिसके चलते विकास कार्य ठप पड़े हैं।
अधिकांश पंचायतों में छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी फंड का अभाव बना हुआ है। लगभग सभी पंचायतों पर एक से दो लाख रुपये तक का उधारी भार हो गया है। पेयजल व्यवस्था, स्वच्छता अभियान और दैनिक आवश्यक कार्यों के लिए भी राशि उपलब्ध नहीं होने से नवनिर्वाचित सरपंचों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
इस बीच शासन द्वारा “सांसद खेल महोत्सव” आयोजित कराने का आदेश जारी हुआ है, लेकिन पंचायतों में फंड की कमी के कारण कई सरपंच दुविधा में हैं कि आयोजन कैसे करें। वहीं पंचायतों में नए निर्माण कार्यों की स्वीकृति नहीं मिल रही और पुराने कार्यों का भुगतान भी अटका हुआ है।
फंड की कमी का सीधा असर ग्रामीण क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे और मूलभूत सुविधाओं पर पड़ रहा है। सड़क, नल-जल योजना, स्वच्छता और सामुदायिक भवन जैसे कार्य रुक गए हैं। ग्रामीण लगातार शिकायतें दर्ज करा रहे हैं, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हो पाई है।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही फंड जारी नहीं किया गया, तो आने वाले समय में पंचायतों की कार्यप्रणाली पूरी तरह ठप हो सकती है।
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