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विश्व गठिया दिवस पर रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल ने बताया -  समय पर पहचान और समग्र उपचार से जोड़ों को मिल सकती है राहत

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रायपुर। विश्व गठिया दिवस के अवसर पर रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल, रायपुर ने बढ़ते गठिया रोग के मामलों को लेकर जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। विशेषज्ञों ने बताया कि समय पर पहचान, जीवनशैली में सुधार और उचित इलाज से जोड़ों की सेहत और गतिशीलता को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है।
-गठिया क्या है?
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के वरिष्ठ सलाहकार एवं आर्थोपेडिक विभाग के प्रमुख डॉ. पंकज धाबालिया ने बताया, “गठिया केवल बुजुर्गों की बीमारी नहीं है, यह युवाओं और बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है। गठिया का मतलब है — जोड़ों में सूजन या उनका क्षरण, जिससे दर्द, अकड़न और सूजन होती है। इसके दो मुख्य प्रकार हैं — ऑस्टियोआर्थराइटिस, जोड़ों के घिस जाने के कारण होता है, और रूमेटॉयड आर्थराइटिस, जो एक ऑटोइम्यून रोग है जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली अपने ही जोड़ों पर हमला करती है।”
-लक्षण पहचानें और समय पर डॉक्टर से मिलें ..
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के चीफ रोबोटिक सर्जन एवं आर्थोप्लास्टी विभाग प्रमुख डॉ. अंकुर सिंगल ने बताया,
“गठिया के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और समय पर चिकित्सकीय सलाह लेना बेहद जरूरी है, ताकि लंबे समय तक जोड़ों की क्षति को रोका जा सके।”
उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को निम्नलिखित समस्याएँ महसूस हों, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए —
जोड़ों में लगातार दर्द या अकड़न, खासकर सुबह या आराम के बाद
किसी जोड़ में सूजन, लालिमा या गर्माहट
चलने-फिरने या रोज़मर्रा के कार्यों में कठिनाई
जोड़ों में चरमराहट की आवाज़ या अस्थिरता
उन्होंने कहा, “अक्सर मरीज शुरुआती दर्द को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो जाती है। शुरुआती अवस्था में इलाज और फिजियोथेरेपी से जोड़ों की कार्यक्षमता को बनाए रखा जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है।”
-गठिया के कारण और जोखिम कारक ..
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के कंसल्टेंट डॉ. प्रतीक धाबालिया ने बताया, “गठिया के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि निष्क्रिय जीवनशैली, मोटापा, पारिवारिक इतिहास, बार-बार चोट लगना और बढ़ती उम्र। आजकल ऑफिस में लंबे समय तक बैठने और व्यायाम की कमी के कारण युवा भी प्रारंभिक गठिया के शिकार हो रहे हैं। नियमित व्यायाम और संतुलित वजन बनाए रखना इससे बचाव का सबसे आसान उपाय है।”
इलाज और प्रबंधन ..
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के कंसल्टेंट डॉ. ललित जैन, कंसल्टेंट  ने बताया,
“गठिया का स्थायी इलाज संभव नहीं है, लेकिन आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। उपचार का मुख्य उद्देश्य दर्द कम करना, गतिशीलता बढ़ाना और जोड़ों की क्षति को रोकना होता है।”
उन्होंने बताया कि इलाज में दवाइयाँ, फिजियोथेरेपी, जॉइंट इंजेक्शन, और गंभीर मामलों में मिनिमली इनवेसिव या कंप्यूटर-असिस्टेड जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी शामिल होती है।
डॉक्टर ने कहा, “सही समय पर फिजियोथेरेपी और नियमित एक्सरसाइज से रिकवरी तेज होती है और जोड़ों की लचीलापन वापस आता है।”
इस विषय पर डॉ.सुमन कुमार नाग , रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल ने बताया, “समय पर निदान, जीवनशैली में सुधार और आधुनिक सर्जिकल तकनीकों से गठिया को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। अब मरीजों को ऐसी आधुनिक सर्जरी उपलब्ध हैं जिनसे जल्दी रिकवरी होती है, निशान छोटे रहते हैं और लंबे समय तक बेहतर परिणाम मिलते हैं।”
जागरूकता के माध्यम से सशक्तिकरण ..
विश्व गठिया दिवस पर रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल ने ‘प्रिवेंशन थ्रू अवेयरनेस’ अभियान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य लोगों को सक्रिय रहने, संतुलित आहार अपनाने और जोड़ों में दर्द के शुरुआती संकेतों पर ही विशेषज्ञ से सलाह लेने के लिए प्रेरित करना है।
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के बारे में ...
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल, रायपुर मध्य भारत का अग्रणी मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल है, जो उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा, अनुभवी चिकित्सकों और आधुनिक तकनीक के लिए जाना जाता है।
यहाँ का ऑर्थोपेडिक एवं जॉइंट केयर विभाग अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक सुविधाओं, एडवांस फिजियोथेरेपी यूनिट और विशेषज्ञ सर्जनों की टीम से सुसज्जित है।
पिछले दो दशकों से रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल ने समर्पण, करुणा और सटीकता के साथ मरीजों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की हैं — जहाँ हर मरीज की देखभाल व्यक्तिगत और सहानुभूति से की जाती है।

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