-मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, शिक्षा और समुदाय के संवेदनशील सहयोग की दिशा में प्रेरक पहल
राजनांदगांव। सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (CIIMHANS), राजनांदगांव द्वारा 4 अक्टूबर से 10 अक्टूबर 2025 तक ‘मेंटल हेल्थ वीक 2025’ का आयोजन बड़े उत्साह और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ किया गया। इस सप्ताहभर चलने वाले आयोजन का उद्देश्य समाज में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करना, जागरूकता फैलाना और समुदाय के विभिन्न वर्गों में सकारात्मक मानसिक दृष्टिकोण का विकास करना रहा।
इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम “आपदा और आपातकाल में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ: पहुँच और चुनौतियाँ” (Access to Services: Mental Health in Catastrophes and Emergencies) रही। इसी थीम के अनुरूप CIIMHANS ने अपने कार्यक्रमों के माध्यम से यह संदेश दिया कि संकट और आपातकालीन परिस्थितियों में भी मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ और सहायता सभी तक सुलभ हों।
सप्ताह का भव्य शुभारंभ – 4 अक्टूबर
सप्ताह की शुरुआत 4 अक्टूबर को एक भव्य उद्घाटन समारोह से हुई, जिसमें विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों, छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. प्रमोद गुप्ता, निदेशक, CIIMHANS, ने मंदीपनी अकादमी, ग्राम अछोटी में एक इंटरएक्टिव सेशन आयोजित किया। इस सत्र में लगभग 250 छात्र और 15 शिक्षक शामिल हुए। चर्चा का केंद्र विद्यालय स्तर पर सहयोगी वातावरण, भावनात्मक संतुलन और मानसिक दृढ़ता बनाए रखने के उपाय रहे।
ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से विशेषज्ञों का मार्गदर्शन – 5 अक्टूबर
5 अक्टूबर को डॉ. लोकेश रंजन (विभागाध्यक्ष, मनोरोग सामाजिक कार्य) और श्रीमती श्वेता कुमारी (सहायक प्राध्यापक, नैदानिक मनोविज्ञान विभाग) द्वारा एक विशेष वेबिनार आयोजित किया गया। इसमें देशभर से 41 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। विषय रहा — “Access to Services: Mental Health in Catastrophes and Emergencies”। विशेषज्ञों ने कठिन परिस्थितियों, आपदाओं और सामाजिक संकटों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता सुनिश्चित करने के प्रभावी उपायों पर विस्तृत चर्चा की।
युवाओं और विद्यार्थियों के लिए प्रेरक कार्यक्रम – 7 अक्टूबर
7 अक्टूबर को डॉ. प्रमोद गुप्ता ने साइंस कॉलेज, दुर्ग में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन, आत्म-नियंत्रण और भावनात्मक सशक्तिकरण पर प्रेरणादायक व्याख्यान दिया।
इसी दिन CIIMHANS परिसर में के. पी. एस. स्कूल, राजनांदगांव के कक्षा 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में छात्रों को अपने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी भावनाओं पर खुलकर बात करने, तनाव के संकेत पहचानने और आवश्यकता पड़ने पर पेशेवर सहायता लेने के लिए प्रेरित किया गया।
बाल संप्रेक्षण गृह में विशेष जागरूकता कार्यक्रम – 9 अक्टूबर
9 अक्टूबर को बाल संप्रेक्षण गृह, राजनांदगांव में बच्चों के लिए एक संवेदनशील जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। इसमें डॉ. रोहित तुरी (विभागाध्यक्ष, क्लिनिकल साइकोलॉजी) और श्री के. एम. एम. खान (लीगल एडवाइजर, CIIMHANS) ने बच्चों से संवाद किया। दोनों विशेषज्ञों ने भावनात्मक देखभाल, सकारात्मक व्यवहार और सहायता प्राप्त करने की महत्ता पर प्रेरक चर्चा की।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर समापन समारोह – 10 अक्टूबर
10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सप्ताह का समापन विभिन्न सामुदायिक कार्यक्रमों के साथ हुआ। कंपोजिट रीजनल सेंटर (CRC), राजनांदगांव में एक रंगारंग “फन फेयर” आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य रचनात्मकता, मनोरंजन और सामाजिक सहभागिता के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करना रहा।
इसी अवसर पर दंत चिकित्सा महाविद्यालय, राजनांदगांव द्वारा CIIMHANS परिसर में एक दंत चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया गया, जिसमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के परस्पर संबंध पर प्रकाश डाला गया।
सप्ताहभर चले इन आयोजनों ने CIIMHANS की सामाजिक जिम्मेदारी और जनजागरूकता की भावना को नई दिशा दी। संस्थान ने यह दोहराया कि मानसिक स्वास्थ्य केवल चिकित्सा नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और मानवीय संवेदना से भी जुड़ा है।
CIIMHANS निरंतर इस दिशा में प्रयासरत है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ समाज के प्रत्येक वर्ग तक सुलभ हों, विशेष रूप से संकट और आपातकालीन परिस्थितियों में भी कोई व्यक्ति मानसिक सहायता से वंचित न रहे।
संपादक- पवन देवांगन
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