-अभ्युदय संस्थान, अछोटी में ‘चेतना विकास और मूल्य आधारित शिक्षा’ पर कार्यशाला आयोजित
दुर्ग। छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री गजेन्द्र यादव ने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान के प्रसारक नहीं, बल्कि समाज के संस्कार निर्माता भी हैं। वे विद्यार्थियों के भीतर नैतिकता, अनुशासन और मानवीय मूल्यों की नींव रखते हैं। इसलिए आज के समय में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार, चरित्र और चेतना विकास को भी प्राथमिकता देना आवश्यक है। मंत्री यादव अभ्युदय संस्थान, अछोटी, जिला दुर्ग में आयोजित “चेतना विकास और मूल्य आधारित शिक्षा” विषयक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति (NEP) में नैतिक शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है। यह नीति विद्यार्थियों में केवल शैक्षणिक दक्षता ही नहीं, बल्कि जिम्मेदार नागरिक बनने की भावना भी विकसित करती है।
उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे बच्चों में आत्मविश्वास, सहयोग, सहिष्णुता और राष्ट्रप्रेम के भाव जागृत करें ताकि आने वाली पीढ़ी न केवल ज्ञानवान बल्कि संस्कारवान भी बने। मंत्री यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास का आधार शिक्षित और संस्कारित युवा ही होंगे, जो सशक्त राष्ट्र निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंगे।इस अवसर पर लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक ऋतुराज रघुवंशी, योगेश शास्त्री, संकेत ठाकुर, श्रीमती अनीता शाह, पार्षद कुलेश्वर साहू, कांशीराम कोसरे सहित अनेक शिक्षक एवं शिक्षाविद उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन संस्थान के शिक्षकों द्वारा किया गया तथा अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को मूल्य आधारित शिक्षा के प्रति प्रेरित करना और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में उनकी भूमिका को सशक्त बनाना रहा। यह आयोजन अभ्युदय संस्थान की ओर से शिक्षा क्षेत्र में सतत सुधार और नैतिक मूल्यों के संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सराहा गया।
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