दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के एमएसडब्ल्यू (MSW) अंतिम एवं द्वितीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं में अपने रि-चेकिंग एवं रि-टोटल के रिजल्ट जारी न होने को लेकर भारी नाराजगी है। विद्यार्थियों ने 1 अगस्त 2025 को विश्वविद्यालय में रि-चेकिंग और रि-टोटल के लिए आवेदन जमा किया था, लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी अब तक परिणाम घोषित नहीं किया गया है।
छात्रों का कहना है कि रिजल्ट में लगातार देरी के कारण उनका भविष्य अधर में लटक गया है। यदि दीपावली से पहले परिणाम घोषित नहीं किया गया, तो सभी विद्यार्थी विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैये के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख करेंगे।
विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने बताया कि रि-चेकिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, परंतु अंकों में कोई बड़ा बदलाव नहीं पाया गया। वहीं दूसरे प्रोफेसर ने कहा कि रि-चेकिंग का रिजल्ट अगले सप्ताह जारी किए जाने की संभावना है।
छात्रों का आरोप है कि परीक्षाओं के बाद उत्तर पुस्तिकाओं को “दिमाग वाले रूम” में फेंक दिया जाता है, जिससे रि-चेकिंग के समय कॉपियां ढूंढना मुश्किल हो जाता है। कई विद्यार्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि कॉपियां लापरवाहीपूर्वक जांची जाती हैं, जिसके कारण उन्हें रि-चेकिंग के लिए आवेदन देना पड़ता है।
एमएसडब्ल्यू विद्यार्थियों ने मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन शीघ्र रि-चेकिंग का परिणाम घोषित करे, ताकि वे आगे की प्रक्रिया में भाग ले सकें और उनका शैक्षणिक सत्र प्रभावित न हो।
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