-अपंजीकृत छोटे व्यापारी एवं दवा व्यापारी परेशान
दुर्ग। छत्तीसगढ़ केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन (सीसीडीए) द्वारा जीएसटी 2.0 दर कटौती से अ-पंजीकृत छोटे व्यापारियों एवं दवा व्यापारियों को हो रहे घाटे पर चिंता जताई गई है। इस संबंध में सीसीडीए के महामंत्री अविनाश अग्रवाल ने केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र प्रेषित कर उन्हें घाटे से राहत प्रदान करने की मांग की है। सीसीडीए की मांगो में जीएसटी में रजिस्टर्ड न होने वाले छोटे व्यापारियों व दवा व्यापारियों के नुकसान की भरपाई करने, विशेष राहत पैकेज या एकमुश्त मुआवज़ा योजना लागू करने एवं स्टॉक एडजस्टमेंट हेतु टैक्स-रिबेट/सब्सिडी जैसे व्यावहारिक उपाय किया जाना शामिल है। जिससे अपंजीकृत छोटे व्यापारियों एवं दवा व्यापारियों को आर्थिक राहत मिलेगी।
सीसीडीए के महामंत्री अविनाश अग्रवाल ने प्रेषित पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन (सीसीडीए) तथा अन्य व्यापारी संगठन, आम जनता की तरह जीएसटी 2.0 एवं 22 सितम्बर 2025 से लागू कम दरों का स्वागत करते हैं। निश्चित रूप से इससे उपभोक्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी, लेकिन इस निर्णय के परिणामस्वरूप एक बड़ा वर्ग पूरी तरह से जीएसटी 2.0 के लाभ से वंचित हो रहा है। इन वर्गों में वे छोटे व्यापारी शामिल है, जो जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं हैं। विशेष रूप से छोटे दवा व्यापारी, जिन्होंने दवाइयाँ पहले ही ऊँची जीएसटी दर पर खरीद रखी थीं, चूँकि वे रजिस्टर्ड नहीं हैं, इसलिए उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिल सकता है। अब जब दर घट गई है, उन्हें वही माल सस्ती दर पर बेचना पड़ रहा है। जिससे उन्हें सीधे नुकसान है। श्री अग्रवाल ने कहा है कि जीएसटी 2.0 दर कटौती के कदम को मंत्रीगण केन्द्र सरकार की उपलब्धि बताकर जनता को अवगत करा रहे हैं, परन्तु छोटे व्यापारियों और दवा व्यापारियों के घाटे की भरपाई हेतु कोई ठोस नीति या मुआवज़ा अब तक घोषित नहीं की गई है। जिससे यह वर्ग परेशान है। वित्तमंत्री को इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने की दरकार है।
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