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जीएसटी सुधार से हर परिवार को लाभ, उद्योग-व्यापार को मिलेगी नई गति : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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रायपुर। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में जीएसटी में हुए सुधार देश के डेढ़ सौ करोड़ नागरिकों के जीवन में खुशियों की सौगात लेकर आए हैं। आयकर में ऐतिहासिक छूट के बाद अब जीएसटी स्लैब का सरलीकरण और रेट में अभूतपूर्व सुधार न केवल आम आदमी के जीवन को खुशहाल बनाएंगे बल्कि व्यापार एवं उद्योग जगत को भी नई गति प्रदान करेंगे। इससे लोगों की बचत में ऐतिहासिक वृद्धि होगी और जीएसटी कानूनों के सरलीकरण से व्यापारी अपने कार्य और अधिक सुगमता से कर सकेंगे। मां शक्ति की आराधना के पावन पर्व ‘नवरात्रि’ से लागू होने वाले ये नए प्रावधान देश को आर्थिक रूप से और भी शक्तिशाली बनाएंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह बात  कही।
-कांग्रेस काल की कर-प्रणाली से मिली मुक्ति
मुख्यमंत्री श्री साय ने याद दिलाया कि कांग्रेस शासनकाल में 17 प्रकार के टैक्स और 13 प्रकार के सेस लागू थे। 101वें संविधान संशोधन द्वारा 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने से पहले तक यही व्यवस्था प्रचलित थी। प्रत्यक्ष कर के क्षेत्र में आयकर दर एक समय अधिकतम 97.5 प्रतिशत तक पहुँच गई थी।
पिछले वर्ष 12 लाख वार्षिक आय को टैक्स-फ्री करने के बाद अब जीएसटी में चार स्लैब की जगह केवल दो स्लैब रखे गए हैं। सभी उपयोगी वस्तुओं को करमुक्त किया गया है और अनेक उत्पादों पर कर में 10 प्रतिशत तक की कटौती की गई है।
-90 प्रतिशत सामान सस्ते – हर परिवार को 50 हजार की बचत
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इन सुधारों से रोजमर्रा की वस्तुएं—तेल, शैम्पू, टूथपेस्ट, मक्खन, पनीर, सिलाई मशीन, ट्रैक्टर व उसके कलपुर्जे, अन्य कृषि उपकरण, व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा, शैक्षणिक वस्तुएं, इलेक्ट्रॉनिक एवं ऑटोमोबाइल उत्पाद—सस्ते हो गए हैं। वस्त्र उद्योग विशेष रूप से निर्यात के क्षेत्र में इससे लाभान्वित होगा। एक औसत परिवार, जो प्रतिवर्ष 3 से 3.5 लाख रुपये खर्च करता है, को कम से कम 50 हजार रुपये की बचत होगी।
-किसानों के जीवन में खुशहाली और समृद्धि
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह सुधार कृषि क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा। ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, रोटावेटर पर जीएसटी घटाकर मात्र 5 प्रतिशत कर दिया गया है। जैव-कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर कर कम किया गया है। केवल ट्रैक्टर की खरीदी पर ही किसानों को 25 हजार से 63 हजार रुपये तक की बचत होगी। उदाहरण स्वरूप, 9 लाख रुपये के ट्रैक्टर पर 65 हजार रुपये की बचत होगी, वहीं 35 HP का लगभग 5.8 लाख का ट्रैक्टर अब 41 हजार रुपये सस्ता मिलेगा। देशभर में प्रतिवर्ष बिकने वाले लगभग 9 लाख ट्रैक्टरों से किसानों को 6 हजार करोड़ रुपये की सीधी बचत होगी। छत्तीसगढ़ में 30–35 हजार ट्रैक्टर प्रतिवर्ष बिकने का अनुमान है, जिससे राज्य के किसानों को लगभग 200 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी। केवल ट्रैक्टर के टायर पर ही 7 हजार रुपये की बचत होगी। हार्वेस्टर, बागवानी मशीन, खाद निर्माण मशीन, जैव कीटनाशक, सिंचाई मशीन, ड्रिप इरीगेशन सिस्टम, स्प्रिंकलर आदि पर भी केवल 5 प्रतिशत कर लगने से उत्पादन लागत घटेगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा।
-स्वास्थ्य और जीवन बीमा पूरी तरह टैक्स-फ्री
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस सुधार का एक सबसे उल्लेखनीय पहलू यह है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा उत्पादों पर कर पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। यह कदम सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए ऐतिहासिक है। इससे हर नागरिक के लिए बीमा सुनिश्चित करना संभव होगा और गरीब से गरीब व्यक्ति को भी गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध हो सकेगा।
-छत्तीसगढ़ को विशेष लाभ
तेंदूपत्ता और लघु वनोपज प्रोसेसिंग मशीनों पर जीएसटी दर कम करने से बस्तर और सरगुजा अंचल के संग्राहकों को बड़ा लाभ होगा। इससे प्रदेश में तेंदूपत्ता जैसे लघु वन्य उत्पादों की मांग बढ़ेगी और राज्य की आमदनी भी बढ़ेगी।
इसी प्रकार, कोयले पर सेस हटाने का निर्णय भी छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस आर्थिक सुधार और बेहतरीन प्रबंधन के लिए राज्य को केवल प्रोत्साहन राशि के रूप में 6,200 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
-संघीय सहयोग का उत्कृष्ट मॉडल
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज जीएसटी वास्तव में ‘गुड एंड सिंपल टैक्स’ बन गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में गठित जीएसटी काउंसिल लोकतांत्रिक संघवाद का उत्कृष्ट उदाहरण है। छत्तीसगढ़ से पदेन सदस्य के रूप में वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने भी इस सुधार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 
नया जीएसटी सुधार वास्तव में क्रांतिकारी आर्थिक युग का सूत्रपात है। इस सुधार से गरीब और मध्यवर्ग सबसे अधिक लाभान्वित होंगे। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में यह सुधार एक नए सुनहरे युग की शुरुआत है। किसानों को अधिक सक्षम बनाकर और रोजगार के अवसर बढ़ाकर यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत के सपनों को साकार करने में मील का पत्थर साबित होगी।

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