दुर्ग जिले में गुरुवार का दिन दर्दनाक घटनाओं से भरा रहा। अलग-अलग क्षेत्रों में तालाब और नाले में डूबने की चार घटनाएं सामने आईं। इनमें से दो लोगों की मौत हो गई, एक व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जबकि एक अन्य की तलाश अब भी जारी है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर मौजूद हैं और सर्च ऑपरेशन चला रही हैं
पहली घटना उतई थाना क्षेत्र के पतोरा गांव स्थित तालाब की है, जहां भिलाई स्थित सीएसवीटीयू के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. भास्कर चंद्राकर (36 वर्षीय) की डूबने से मौत हो गई, डॉ. चंद्राकर गुरुवार को ड्यूटी खत्म होने के बाद सीएसवीटीयू के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) के साथ उतई इलाके में एक प्लॉट का निरीक्षण करने गए थे, जहां मकान निर्माण का काम चल रहा था।वापसी के दौरान रास्ते में तालाब में खिले कमल के फूल देखकर उन्होंने अपनी कार रोकी और फूल तोड़ने तालाब में उतर गए। उन्होंने सीएफओ से कहा था कि उन्हें तैरना आता है, इसलिए वे आसानी से फूल तोड़कर लौट आएंगे। लेकिन तालाब में उतरने के बाद उनका पैर कमल की शाखाओं और जड़ों में उलझ गया, जिससे वे बाहर नहीं निकल सके।
ग्रामीणों ने उन्हें डूबते देखा और तुरंत तालाब में कूदकर बाहर निकाला। पास के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें सेक्टर-9 अस्पताल रेफर किया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद सीएसवीटीयू परिसर में शोक की लहर है।
-नाले की तेज धार में बहा शख्स
दूसरी घटना भिलाई तीन के औरी गांव की है, जहां 56 वर्षीय भगवती ठाकुर रोज की तरह नहाने नाले पर पहुंचे थे। उसी समय पास के गांव का लगभग 50 वर्षीय एक अन्य व्यक्ति भी नाले पर मौजूद था। नहाने के दौरान अचानक वह व्यक्ति तेज धार की चपेट में आकर बहने लगा। उसे डूबता देख भगवती ठाकुर ने तुरंत मदद के लिए छलांग लगाई, लेकिन नाले के तेज भंवर में फंसकर खुद भी डूब गए। मौके पर मौजूद लोगों ने तत्काल बचाने की कोशिश की, लेकिन नाले की तेज धार के कारण दोनों ही गुम हो गए।घटना की सूचना पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। रातभर सर्च ऑपरेशन चलाया गया और शुक्रवार सुबह एसडीआरएफ ने भगवती ठाकुर का शव बरामद कर लिया। फिलहाल दूसरे व्यक्ति की तलाश जारी है। पानी की तेज धार और गहराई के कारण गोताखोरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।दोनों घटनाओं के बाद पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे तालाबों और नालों के पास सावधानी बरतें। बरसात के मौसम में पानी का बहाव तेज हो जाता है, जिससे डूबने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं प्रशासन ने भी सुरक्षा के लिहाज से संबंधित इलाकों में चेतावनी बोर्ड लगाने और बैरिकेडिंग करने की योजना बनाई है।
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