अमरावती । विश्व प्रसिद्ध तिरुमाला तिरुपति मंदिर में एक भक्त ने आस्था की मिसाल पेश करते हुए 121 किलोग्राम सोना दान किया है, जिसकी अनुमानित कीमत 140 करोड़ रुपये है। इस महादान की जानकारी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने खुद सोशल मीडिया पर साझा की।
मुख्यमंत्री नायडू ने गुंटूर जिले के मंगलागिरी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस भक्त की कहानी सुनाई। उन्होंने बताया, एक भक्त ने तिरुपति बालाजी से अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रार्थना की थी। भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की कृपा से उन्हें अपने कारोबार में बड़ी सफलता मिली और उन्होंने अपनी कंपनी के शेयर बेचकर 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
सीएम नायडू ने आगे बताया कि जब उस भक्त को यह पता चला कि मंदिर में भगवान की मूर्ति को प्रतिदिन लगभग 120 किलो सोने के आभूषणों से सजाया जाता है, तो उसने कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए 121 किलो सोना दान करने का संकल्प लिया। भक्त का मानना था कि यह धन उन्हें भगवान वेंकटेश्वर ने ही दिया है, इसलिए वह इसे उन्हीं के चरणों में अर्पित कर रहे हैं।
तिरुपति मंदिर में बड़े दान की यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि यहाँ महादान की एक लंबी परंपरा रही है। अंबानी परिवार जैसे देश के शीर्ष उद्योगपतियों से लेकर आम श्रद्धालु तक, सभी अपनी श्रद्धा के अनुसार सोना, हीरे और नकदी अर्पित करते हैं। इसी साल (2025) की बात करें तो, जनवरी में एक सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी वाईवीएसएस भास्कर राव ने 3.66 करोड़ रुपये की संपत्ति दान की थी, तो वहीं मई में उद्योगपति संजीव गोयनका ने 3.63 करोड़ रुपये का हीरा जडि़त सोने का हार चढ़ाया था।
इसी तरह, जुलाई में चेन्नई स्थित सुदर्शन एंटरप्राइजेज ने भी 2.4 करोड़ रुपये कीमत का 2.5 किलो सोना भगवान वेंकटेश्वर के चरणों में अर्पित किया था।
संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved
Powered By Global Infotech.