दुर्ग। 18 अगस्त सत्यम रेस्टोंरेट बेकरी के हाल के सभागार में एक विमर्श आयोजित किया गया। जिसमें समाजवादी नेता रघु ठाकुर ने कहा कि हिंदी राष्ट्रभाषा क्यो कैंसे बनाई गई। इसका विरोध दक्षिण से करने वाले अनेकों नेताओं ने किया। लेकिन गांधी और लोहिया, तिलक और गैर हिंदी भाषी क्षेत्र के लोगों ने हिंदी का समर्थन किया लेकिन आज भी हिंदी हिन्दुस्तान में दोयम दर्जे की भाषा बनी। यूपीएससी की परिक्षा में हिंदी कम है उतनी ही अंग्रेजी ज्यादा है।
समाजवादियों द्वारा हमेशा यह नारा दिया गया हिंदी देश की देशी भाषा की मान्यता हो। अन्य स्थानीय भाषा की तरफ हिंदी भी उस सबकी जुड़वा बहन है। हिंदी का विरोध करना हिन्दुस्तान के विरोध करने के बराबर है। सही मायने में राष्ट्रप्रेम हिंदी भाषा से ही प्रेरित होता है। हिंदी में राष्ट्रप्रेम झलकता है। रघु ठाकुर ने अपने एक व्यक्तव में कहा कि हिंदी हिन्दुस्तान की आत्मा है कोई भी भारतीय नागरिक मन से खेलवाड़ कर सकता आत्मा से नही हिन्दी के इस विमर्श में अध्यक्षत कर रहे है नगर पालिक निगम रिसाली के सभापति केशव बंछोर ने बताया कि पहली बार पता चला कि भाषा के साथ राजनीति होती है। हिंदी के साथ भी उच्च स्तरीय राजनीति हो रही है। समाजवादी गांधी वादी नेता रघु ठाकुर के व्याखान को सुनकर नगर निगम के सभापति प्रेरित होकर अपने उद्बोधन में कहा इस तरह की कार्यक्रम बार बार हो जिससे नई पीढि़ को हिंदी का असलियत का पता चल सके।
इस कार्यक्रम में योग लंगर के संस्थापक अशोक महेश्वरी किसानों के मध्य काम करने वाले हर काल दाऊ डॉ. संजय चौधरी, श्रीमती बबिता चौधरी समाजवादी पार्टी भिलाई के अध्यक्ष सुबेदार सिंह यादव, लोकतांत्रिक समाजवादी के अब्दुल फरीद, अरविंद सिंह, दिलीप देशलहरा, योग लंगर के डॉ. एसपी शर्मा जेडयू के नेता अशोक सिंह, सुरेन्द्र शर्मा, श्री नारायणी, लतिफ भाई, नागेन्द्र पाण्डेय, स्टेट बैंक के पूर्व प्रबंधक श्रीमती कनकमंडल लियाकत भाई राघवेन्द्र चौहान, आनंद बोरकर, संजय उईके, अंजना भूरे, वरिष्ठ पत्रकार सिंह राजनांदगांव, बसंत भूरे, रमाशंकर अग्रवाल, श्रीमती मंजू सिंह, वरिष्ठ नागरिक रामसेवक शर्मा, सहित दुर्ग भिलाई के वरिष्ठ नागरिक भारी तादात में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्र का संचालन श्याम मनोहर सिंह ने किया। आभार व्यक्त अशोक पंडा ने किया।
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