दुर्ग। छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारी, जिन्हें स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ माना जाता है, ने अब सरकार की बेरुखी के खिलाफ 18 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। दुर्ग जिले के लगभग 850 कर्मचारियों समेत पूरे प्रदेश के 16,000 से अधिक एनएचएम कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल होंगे।
इस बार आंदोलन की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आपातकालीन सेवाएं एवं विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (SNCU) तक को बंद रखने की चेतावनी दी गई है।
20 साल की सेवा, फिर भी उपेक्षा...
एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि 20 वर्षों से लगातार प्रदेश के दूरदराज़ इलाकों से लेकर बड़े शासकीय संस्थानों तक सेवाएं देने वाले ये कर्मचारी, कोविड-19 जैसी महामारी में भी अग्रिम पंक्ति में रहे। बावजूद इसके, उनकी मांगों पर सरकार अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई है।
दुर्ग जिला अध्यक्ष डॉ. आलोक शर्मा ने कहा कि अब तक टीकाकरण, पोषण पुनर्वास, चिरायु जांच, टी.बी. कार्यक्रम, डीईआईसी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और आयुष्मान आरोग्य मंदिर जैसी सेवाएं लगातार दी जाती रही हैं। लेकिन इस बार संघ ने जिला अस्पताल व सुपेला सिविल अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं भी बंद करने का निर्णय लिया है। इससे दुर्ग सहित पूरे प्रदेश की 6,239 से अधिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगे..
1. सेवाओं का संविलियन एवं स्थायीकरण
2. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
3. ग्रेड पे निर्धारण
4. कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता
5. लंबित 27% वेतन वृद्धि
6. नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण
7. अनुकम्पा नियुक्ति
8. मेडिकल व अन्य अवकाश की सुविधा
9. स्थानांतरण नीति
10. न्यूनतम 10 लाख कैशलेस चिकित्सा बीमा
“मोदी की गारंटी” और नेताओं का समर्थन, फिर भी ठोस निर्णय नहीं...
एनएचएम संघ के मीडिया प्रभारी हिमांशु चंद्राकर ने बताया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता – विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, वन मंत्री केदार कश्यप समेत कई बड़े नेता पूर्व में एनएचएम कर्मचारियों के आंदोलन का मंच से समर्थन कर चुके हैं।
यहां तक कि भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में भी “मोदी की गारंटी” के तहत कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया गया था। लेकिन 20 माह में 160 से अधिक बार आवेदन और ज्ञापन देने के बावजूद कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है।
पहले की हड़ताल और कर्मचारियों में आक्रोश..
दुर्ग जिला के एनएचएम कर्मचारी इससे पहले 1 मई 2025 को एक दिवसीय और 16-17 जुलाई 2025 को दो दिवसीय हड़ताल कर चुके हैं। उस दौरान उनका सीएल व वेतन दोनों काटा गया, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। कर्मचारियों का कहना है कि जिस प्रकार छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों को नियमित किया गया है, उसी प्रकार एनएचएम कर्मचारियों को भी नियमित किया जाए।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि राज्य की 60% स्वास्थ्य सेवाएं एनएचएम पर निर्भर हैं और ऐसे में यदि सरकार जल्द निर्णय नहीं लेती, तो स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी।
रेगुलर कर्मचारी भी देंगे साथ..
खास बात यह है कि केवल एनएचएम कर्मचारी ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के नियमित कर्मचारी भी 22 अगस्त 2025 को एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे। उनकी मुख्य मांग महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों को लेकर है। उन्होंने भी साफ कहा है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
बता दे कि एनएचएम और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के इस बड़े आंदोलन से छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाएं ठप होने का खतरा मंडरा रहा है। जनता को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है यदि सरकार ने तुरंत ठोस पहल नहीं की।
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