दुर्ग। थाना मोहन नगर पुलिस ने एक बड़े आर्थिक अपराध के मामले में कार्रवाई करते हुए मेडिकल एजेंसी के पूर्व कर्मचारी पर गबन, धोखाधड़ी और कूटरचना के आरोप में मामला दर्ज किया है। प्रार्थी अविनाश अग्रवाल, संचालक अविनाश मेडिकल स्टोर्स शंकर नगर, दुर्ग ने पुलिस को लिखित शिकायत में बताया कि उनके संस्थान में कार्यरत आरोपी नरेन्द्र सिंह राजपूत उर्फ राजू ने लगभग 25 वर्षों की सेवा अवधि के दौरान योजनाबद्ध तरीके से संस्थान से करीब एक करोड़ पचास लाख रुपये से अधिक की हेराफेरी की है।
शिकायत का विवरण..
अविनाश अग्रवाल के अनुसार, आरोपी नरेन्द्र सिंह राजपूत उनके संस्थान में विक्रय राशि वसूलने और एकाउंट संभालने का कार्य करता था। वर्ष 2019 से 2025 के बीच आंतरिक ऑडिट में यह पाया गया कि आरोपी ने लगभग 70 लाख रुपये की राशि गबन की, जबकि संपूर्ण अवधि में यह रकम 1.50 करोड़ रुपये या उससे अधिक हो सकती है।
आरोपी पर आरोप है कि वह दवा दुकानदारों से नगद राशि वसूल कर बिल पर PAID लिखकर हस्ताक्षर करता था, परंतु उक्त राशि संस्थान में जमा नहीं करता था। इसके अलावा, कई बार उसने ग्राहकों से फर्म के नाम पर भुगतान लेने के बजाय अपने व्यक्तिगत नाम पर चेक प्राप्त कर उसे स्वयं भुना लिया।
गबन के तरीके..
कैश वसूली और जमा न करना: रिटेल ग्राहकों से नगद राशि वसूलकर फर्म में जमा न करना।
फर्जी बिलिंग: बिल पर PAID लिखकर ग्राहकों को भ्रमित करना।
सॉफ्टवेयर में हेरफेर: बिलिंग सॉफ्टवेयर से कई नगद बिल डिलीट करना और कागजी बिल नष्ट करना।
चेक का दुरुपयोग: ग्राहकों से निजी नाम पर चेक लेकर राशि खुद निकाल लेना।
वर्षवार हेराफेरी का विवरण (आंतरिक ऑडिट अनुसार):
2019-20 : ₹11,92,156
2020-21 : ₹6,75,131
2021-22 : ₹9,61,349
2022-23 : ₹11,97,426
2023-24 : ₹11,93,398
2024-25 : ₹14,75,409
2025-26 (जून तक) : ₹3,05,903
कुल (पिछले 6 वर्ष): ₹69,98,183
आरोपी का स्वीकारोक्ति और अन्य आरोप..
शिकायतकर्ता के अनुसार, पूछताछ में नरेन्द्र सिंह राजपूत ने गबन की बात स्वीकार की और बताया कि उसने राशि IPL सट्टेबाजी में खर्च कर दी। साथ ही, वह शिकायतकर्ता को झूठे जीएसटी मामलों में फंसाने की धमकी देकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
पुलिस कार्रवाई..
थाना मोहन नगर प्रभारी ने प्रार्थी के आवेदन और साक्ष्यों के अवलोकन के बाद आरोपी नरेन्द्र सिंह राजपूत के विरुद्ध धारा 316(4) बीएनएस 2023 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ कर दी है।
पुलिस के पास प्रार्थी ने कई दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट, एक्सेल शीट, वीडियो रिकॉर्डिंग, हस्ताक्षरित बिल और ग्राहकों के लेन-देन के सबूत प्रस्तुत किए हैं।
इस प्रकरण ने दुर्ग-भिलाई क्षेत्र के व्यापारिक जगत में सनसनी फैला दी है और व्यापारी वर्ग ने इस तरह के आर्थिक अपराधों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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