ब्रेकिंग

भारतीय समाज के साहित्य और संस्कृति के गौरव है "प्रेमचंद", उनकी लेखनी से हर पीढ़ी फली, फूली और बढ़ी

61704082025111720whatsappimage2025-08-04at4.44.48pm.jpeg

- कल्याण महाविद्यालय में मनाया प्रेमचन्द जयंती 
- प्रोफेसर्स, स्कॉलर्स और स्टूडेंट्स ने रखे विचार 
भिलाई।
शिक्षाधानी भिलाई के सेक्टर-7 स्थित कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय प्रेमचंद जयंती मनाई गई। हिन्दी विभाग के तत्वावधान और विभागाध्यक्ष डॉ.सुधीर शर्मा, डॉ.फ़िरोज़ा जाफ़र अली और डॉ.अंजन कुमार के  सुयोग्य निर्देशन में हिन्दी के शोधार्थियों द्वारा ‘प्रेमचंद जयंती’ का कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। 
महाविद्यालय के राजनीति विभाग की अध्यक्ष डॉ.मणिमेखला शुक्ला के सुमधुर कण्ठ से सरस्वती वंदना की प्रस्तुति और एस.कृष्णा रूपेश के स्वागत गीत के बाद कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में पधारे अतिथियों को विद्यार्थियों द्वारा पुष्पार्पण कर सम्मानित किया। 
हिन्दी के विभागाध्यक्ष डॉ.सुधीर शर्मा ने प्रेमचंद जयंती एवं तुलसी जयंती पर कहा कि “आज से लगभग पाँच शताब्दी पूर्व एक आदर्श समाज की स्थापना के लिए जो कार्य महाकवि तुलसीदास ने किया, वैसा ही कार्य बीसवीं शताब्दी में प्रेमचंद ने अपने कथा साहित्य के माध्यम से किया। तुलसी और प्रेमचंद दोनों ही हमारे देश और साहित्य-संस्कृति के गौरव हैं।” डॉ.फ़िरोज़ा जाफ़र अली ने प्रेमचंद को युग-पुरुष बताते हुए कहा “प्रेमचंद जी ने तत्कालीन समाज में व्याप्त सभी पहलुओं पर लेखनी चलाते हुए समाज को एक नयी दिशा देने का महत्वपूर्ण कार्य किया। वे अपनी कहानियों और उपन्यासों के पात्र यथार्थ की ज़मीन से चुनते थे और उनके माध्यम से कथा में संवेदनशीलता के साथ-साथ यथार्थ को सींचते थे।” महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.विनय शर्मा ने कहा कि “प्रेमचंद की कहानियों को पढ़कर ही हम बड़े हुए हैं। बचपन में पढ़ी कहानियाँ स्मृतियों में आज भी जीवित हैं। उनकी प्रसिद्ध कहानी ‘ईदगाह’ के बारे में चर्चा करते हुए डॉ.शर्मा ने आगे कहा कि प्रेमचंद समाज के सच्चे मार्गदर्शक थे। उनकी कहानियों के पात्र जीवन मूल्यों से भरपूर होते थे, ईदगाह कहानी का पात्र हामिद भी उनमें से एक था। हामिद के माध्यम से प्रेमचंद ने पाठकों को दादी-पोते के निश्छल प्रेम को उजागर करने का प्रयास किया और मानवता की मिसाल पेश की। 
शिक्षा संकाय के प्राध्यापक डॉ.रामा यादव ने कहा कि आप सबने तो साहित्य के माध्यम से प्रेमचंद को पढ़ा है, हमने प्रेमचंद को जिया है। जिस लमही क्षेत्र में प्रेमचंद का जन्म हुआ, पले-बढ़े, हम भी उसी क्षेत्र के हैं। हमें गर्व होता है कि हमारे क्षेत्र के एक साहित्यकार की ख्याति आज लगभग शताब्दी वर्ष बाद भी कम नहीं हुई है। 
समाजशास्त्र के प्रोफ़ेसर डॉ.के.एन.दिनेश ने कहा कि प्रेमचंद ने तत्कालीन समय और समाज को अपने साहित्य में उकेरा है। राजनीति विभाग की प्राध्यापक डॉ.मणिमेखला शुक्ला ने प्रेमचंद को देश का महान साहित्यकार माना और कहा कि प्रेमचंद ने अपनी लेखनी से समाज को उपकृत किया है। 
शिक्षा संकाय की प्राध्यापक डॉ.शबाना ने कहा कि प्रेमचंद जैसे देश के साहित्यिकों के जीवन से हमें सीखने की आवश्यकता है। हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ.अंजन कुमार ने कहा कि प्रेमचंद का संपूर्ण साहित्य वस्तुत: स्वतंत्रता, समानता और बंधुता का साहित्य है। उन्होंने अपनी रचनाओं में सांप्रदायिक सौहार्द के विषय को बहुत ही प्रमुखता से उठाया है।“
कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में के हिन्दी विभाग के शोधार्थियों ने प्रेमचंद, साहित्य और कई आयामों पर सारगर्भित व्याख्यान देते हुए अपनी-अपनी बातें रखी। इसमें प्रमुख रूप से शोधार्थी निमाई प्रधान, जितेंद्र, अंजली भटनागर, घनश्याम टंडन, बिमला नायक, पूरन अजय, रजनी पटेल, राकेश कुमार आदि ने वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का जबरदस्त संचालन शोधार्थी निमाई प्रधान ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकों के साथ बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

RO. NO 13327/94

एक टिप्पणी छोड़ें

Data has beed successfully submit

Related News

Advertisement

97519112024060022image_750x_66bc2a84329bd.webp
881040720251424511000006981.jpg
RO. NO 13327/94
72421072025170534whatsappimage2025-07-21at20.43.31_e8cc9d49.jpg

Popular Post

This Week
This Month
All Time

स्वामी

संपादक- पवन देवांगन 

पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)

ई - मेल :  dakshinapath@gmail.com

मो.- 9425242182, 7746042182

हमारे बारे में

हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।

सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।

logo.webp

स्वामी / संपादक- पवन देवांगन

- बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)

ई - मेल : dakshinapath@gmail.com

मो.- 9425242182, 7746042182

NEWS LETTER
Social Media

Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved

Powered By Global Infotech.