दुर्ग। गुगल बॉय रुद्र शर्मा ने चिंता जताई है कि जिले के अधिकांश प्राइवेट स्कूलों में न तो 'जन-गण-मन' और 'वंदे मातरम्' जैसे राष्ट्रीय गीत गूंज रहे हैं, और न ही छत्तीसगढ़ का गौरव गीत 'अरपा पैरी के धार' बच्चों को सिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों को इन गीतों के शब्द तो दूर, अर्थ तक की जानकारी नहीं है।
रुद्र शर्मा ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को ये तीनों गीत—राष्ट्रीय गान, 'वंदे मातरम्' और 'अरपा पैरी के धार'—अवश्य सिखाएं। उन्होंने कहा कि ये गीत न सिर्फ भारत की एकता और गौरव के प्रतीक हैं, बल्कि उनमें देशभक्ति की भावना और ऊर्जा संचारित करने की शक्ति है।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में प्रार्थना के समय अंग्रेजी कविताएं और फिल्मी गीत सुनाए जा रहे हैं, लेकिन इन महत्वपूर्ण गीतों को जगह नहीं दी जा रही है। पाठ्यपुस्तकों में ये गीत प्रायः आखिरी पन्नों पर होते हैं और पुस्तक के कवर से ढककर छुपा दिए जाते हैं, जिससे बच्चों को इन्हें पढ़ने और सीखने का अवसर नहीं मिलता।
रुद्र शर्मा ने शासन-प्रशासन, शिक्षा विभाग, कलेक्टर सहित देशभर के जिम्मेदार नागरिकों से अपील की है कि राष्ट्रीय गान, 'वंदे मातरम्' और छत्तीसगढ़ राज्यगीत 'अरपा पैरी के धार' को स्कूलों में अनिवार्य रूप से सिखाया जाए ताकि बच्चों में देशभक्ति और संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़े।
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