ब्रेकिंग

सम्यक ज्ञान, समर्पण और पुरुषार्थ से ही संभव है आत्मकल्याण - साध्वी लब्धियशाश्रीजी

87314072025074732img-20250714-wa0098.jpg

नगपुरा। “आचरण के लिए ज्ञान का होना अनिवार्य है। ज्ञान और क्रिया एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, तथा ज्ञान की प्राप्ति के लिए समर्पण आवश्यक है।” उक्त प्रेरक विचार श्री आचारांग सूत्र व्याख्यान श्रृंखला के तहत श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ, नगपुरा में आयोजित प्रवचन में साध्वी श्री लब्धियशाश्रीजी म.सा. ने व्यक्त किए।
उन्होंने चातुर्मास आराधकों को संबोधित करते हुए कहा कि जो परमात्मा की आज्ञा का पालन करता है, वही सच्चे अर्थों में मेधावी है। जिस प्रकार रोटी बनाने हेतु आटा, पानी और अग्नि तीनों की आवश्यकता होती है, उसी तरह शाश्वत सुख की प्राप्ति के लिए सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चारित्र का संगम अत्यंत आवश्यक है।

Image after paragraph

साध्वी श्रीजी ने कहा कि हमें परमात्मा द्वारा बताए सिद्धांतों पर श्रद्धा और समर्पण रखना चाहिए। समर्पण के अभाव में हमें अपने वास्तविक स्वरूप का बोध नहीं हो पाता। चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, मनःस्थिति दृढ़ रहनी चाहिए। प्रतिकूलताओं को सहर्ष स्वीकार करना ही संयम है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे स्वस्थ शरीर के लिए रोग का निदान करना आवश्यक है, वैसे ही निज स्वरूप की पहचान के लिए अज्ञान रूपी रोग को दूर करना आवश्यक है। कुछ पाने के लिए झुकना पड़ता है। यदि आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रगति करनी है, तो परमात्मा के बताए मार्ग का श्रद्धापूर्वक अनुसरण करना ही पड़ेगा।

Image after paragraph

साध्वी श्रीजी ने आगे कहा कि जिनवाणी के प्रति श्रद्धा और विनय की भावना हमारे आचरण को शुद्धता की ओर ले जाती है। भावना के साथ पुरुषार्थ भी आवश्यक है, क्योंकि बिना पुरुषार्थ के भावना फलीभूत नहीं होती। ज्ञान के लिए पुरुषार्थ अनिवार्य है तथा ज्ञान के साथ किया गया क्रियात्मक पुरुषार्थ ही फलदायी होता है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहकर प्रवचन श्रवण का लाभ ले रहे हैं।

RO. NO 13327/94

एक टिप्पणी छोड़ें

Data has beed successfully submit

Related News

Advertisement

97519112024060022image_750x_66bc2a84329bd.webp
881040720251424511000006981.jpg
RO. NO 13327/94
72421072025170534whatsappimage2025-07-21at20.43.31_e8cc9d49.jpg

Popular Post

This Week
This Month
All Time

स्वामी

संपादक- पवन देवांगन 

पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)

ई - मेल :  dakshinapath@gmail.com

मो.- 9425242182, 7746042182

हमारे बारे में

हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।

सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।

logo.webp

स्वामी / संपादक- पवन देवांगन

- बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)

ई - मेल : dakshinapath@gmail.com

मो.- 9425242182, 7746042182

NEWS LETTER
Social Media

Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved

Powered By Global Infotech.