-अभिनय करके सिखाया संस्कृत, संस्कृत संभाषण शिविर
-संस्कृत में खेल रहे हैं खेल
-हैलो हैलो मास्तु हरि ओम वदतु
दुर्ग। ओम परिसर में चल रहे संस्कृत संभाषण शिविर के आठवें दिन डॉ. जैनेंद्र दीवान, डॉ अजय आर्य एवं ईश्वरी देवांगन ने प्रशिक्षण प्रदान किया। डॉ. जैनेंद्र दीवान ने प्रतिभागियों को अभिनय करके क्रिया एवं विलोम शब्दों का प्रयोग सिखाए। संस्कृत पढ़ने वाले सभी छात्र एवं अभ्यासी प्रशिक्षण देने वालों के साथ संस्कृत में बात कर रहे हैं। सूचनाओं का आदान-प्रदान। स्वीकृति और अस्वीकृति के लिए संस्कृत के ही शब्दों और वाक्य का प्रयोग किया जा रहा है।
डॉ अजय आर्य ने धारा प्रवाह प्रतिभागियों को संस्कृत में कहानी सुनाई। जंगल में दो तोते रहते थे। एक डाकुओं के साथ रहने लगा और दूसरा साधु के साथ। डाकुओं के साथ रहने वाला तोता डाकुओं जैसी बातें करने लगा, जबकि साधु के साथ रहने वाला तोता साधु जैसी बातें करने लगा। इससे पता चलता है कि संगति का प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण होता है। डॉ अजय आर्य ने कहा कि यह कहानी हमसे कहती है कि हम जैसी संगति में रहते हैं हमारा सोच विचार और व्यवहार इस तरह से परिवर्तित हो जाता है। इसलिए हम सभी को अपनी संगति का चयन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। परिवार हम आत्मविश्वास से भरकर संगति पर ध्यान नहीं देते किंतु समय के साथ संगति हमें बुरे कर्मों में। ईश्वरी देवांगन ने गीत के माध्यम से कुछ बदलाव के संकेत के लिए प्रतिभागियों को प्रेरित किया।
हैलो हैलो मास्तु हरि ओम वदतु।
गुड मॉर्निंग मास्तु सुप्रभातम वदतु
सॉरी सॉरी मास्तु क्षम्यताम् क्षम्यताम् वदतु
संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved
Powered By Global Infotech.