-अहमदाबाद विमान हादसा
अहमदाबाद । अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त एयर इंडिया के विमान से बरामद ब्लैक बॉक्स काफी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है, जिससे जानकारी मिलने में समस्या आ रही है।
बताया जा रहा है कि ब्लैक बॉक्स के उन्नत फोरेंसिक विश्लेषण और डाटा निकालने के लिए उसे संभवत: अमेरिका या फ्रांस भेजा जा सकता है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सरकार एक या दो दिन में इस मामले में अंतिम निर्णय लेगी कि ब्लैक बॉक्स भेजा जाए या नहीं।
दुर्घटना के बाद विमान से कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) बरामद किया गया था, जो काफी जले हुए थे।
भारत इसमें से जरूरी डाटा निकालने का प्रयास कर रही है, लेकिन थर्मल और अन्य नुकसान को आवश्यक विशेषज्ञता से ठीक किया जा सकता है, जो अमेरिका या फ्रांस में संभव है।
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) अभी अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएससी) और बोइंग के साथ काम कर रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में दुनिया की सबसे उन्नत ब्लैक बॉक्स प्रयोगशालाएं हैं, जो खराब से खराब डाटा को फिर से बनाने रिकवर करने में सक्षम हैं।
इसलिए इसे अमेरिका ही भेजा जाना संभावित है, लेकिन उससे पहले भारत में कोशिश चल रही है।
बता दें कि जब तक ब्लैक बॉक्स से आवश्यक डाटा बरामद नहीं हो जाता, तब तक जांच की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
सीवीआर और एफडीआर को ही ब्लैक बॉक्स कहते हैं।
सीवीआर में कॉकपिट के अंदर पायलटों के बीच बातचीत, एयर ट्रैफिक कंट्रोल के साथ संचार, कॉकपिट अलार्म, स्वचालित चेतावनियां और इंजन का शोर और स्विच को रिकॉर्ड करता है।
एफडीआर से उड़ान के दौरान विमान की स्थिति और सिस्टम के बारे में तकनीकी जानकारी मिलती है, जिसमें ऊंचाई, गति, हेडिंग, ऊर्ध्वाधर त्वरण और पतवार, एलेरॉन और थ्रॉटल जैसी नियंत्रण सतह की स्थिति शामिल है।
इससे हादसे का सही कारण पता चलेगा।
संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved
Powered By Global Infotech.