राजनीति

युक्तियुक्तकरण से प्रदेश की शिक्षा स्तर में आएगी गिरावट:  रविन्द्र चौबे

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-कहा 10 हजार स्कूलें बंद एवं 50 हजार शिक्षक पद के समाप्त होने के आसार 
-राज्य सरकार जल्द लें उचित निर्णय, नहीं तो कांग्रेस करेगी शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का घेराव
दुर्ग।
छत्तीसगढ़ के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता रविन्द्र चौबे ने राज्य की भाजपा सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश में जारी युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पर सवाल उठाए है। उन्होने कहा है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार की नीति व नियत दोनों स्पष्ट नहीं है। जिससे छत्तीसगढ़ का शिक्षा स्तर बद से बदतर हो जाएगी। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से प्रदेश में 10 हजार स्कूलें बंद होने और 50 हजार शिक्षक पद समाप्त होने की स्थिति में है। भाजपा की पूर्ववर्ती डॉ. रमन सिंह सरकार छत्तीसगढ़ में पहले ही पौने 4 हजार स्कूलों को संलग्नीकरण करने के नाम पर बंद कर चुकी है। अब वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने ऐन नए शैक्षणिक सत्र के शुरु होने के पहले युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का प्रयोग कर शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने में तुले हुए है। जिसने शिक्षकों, विद्यार्थियों व पालकों को पेशोपेश में डाल दिया है।
शिक्षक खुद युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है। जिसके चलते शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरु कर दिया है। इन शिक्षक संगठनों के समर्थन में कांग्रेस उनके साथ खड़ी है। पूर्व शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया प्रदेश के शिक्षा हित में नहीं है। राज्य सरकार में ऐसा विवेकहीन निर्णय कौन ले रहा है यह समझ से परे है। शिक्षा हित में राज्य सरकार को जल्द उचित निर्णय लेना चाहिए। अन्यथा की स्थिति में कांग्रेस जल्द जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव कर मांगो पर आवाज बुलंद करेगी। पूर्व शिक्षा मंत्री व कांग्रेस नेता रविन्द्र चौबे शुक्रवार की दोपहर स्थानीय राजीव भवन दुर्ग पहुंचे थे। यहां उन्होने मीडिया से चर्चा में राज्य सरकार के खिलाफ यह आरोप लगाए है। इस दौरान पूर्व मंत्री बीडी कुरैशी, जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राकेश ठाकुर, पूर्व विधायक अरुण वोरा, पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल, आरएन वर्मा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष गया पटेल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी महामंत्री जितेन्द्र साहू, सचिव अय्यूब खान, जिला कांग्रेस प्रवक्ता नासिर खोखर, पूर्व सभापति राजकुमार नारायणी, प्रदेश युकां महासचिव संदीप वोरा, युकां नेता मोहित वाल्दे, महेन्द्र कपूर ताम्रकार, सौरभ ताम्रकार, सुमीत घोष, बृजमोहन तिवारी भी मौजूद रहे। 
पूर्व शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने चर्चा में कहा कि प्रदेश में कम दर्ज संख्या वाले स्कूलों को बंद कर समीप के स्कूलों में संलग्नीकरण करना, एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक शाला, मिडिल स्कूल और हाई स्कूल का एक साथ समावेश और विद्यार्थियों के अनुपात में ज्यादा शिक्षकों का कम शिक्षक वाले स्कूलों में पदस्थापना के उद्देश्य को लेकर राज्य शासन द्वारा युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया जारी है। पहले तीनों स्तर के स्कूलें अलग-अलग संचालित होती थी। जिनके प्रमुख भी अलग अलग होते थे। अब सारे स्कूल प्राचार्य अधीन आ जाएंगे। इससे प्राथमिक व मिडिल स्कूल का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। श्री चौबे ने कहा कि मोदी की गारंटी में 52 हजार शिक्षकों की भर्ती करने का वादा था। फिर इसके बाद नई भर्ती करने कुछ और आकड़े दिए गए और अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा 5 हजार शिक्षकों की भर्ती करने की घोषणा की गई है। घोषणा कब पूरी होगी। इसका अता-पता है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य की भाजपा सरकार मोदी की गारंटी को पूरा करने से पीछे हट रही है। पूर्व शिक्षामंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि पिछली कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में 700 से ज्यादा आत्मानंद विद्यालय खोले थे। जिसमें कक्षा पहली से लेकर कक्षा 12वीं मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था थी। आत्मानंद विद्यालय की बेहतर शिक्षा व्यवस्था से प्राइवेट स्कूलों में ताले लग रहे थे, लेकिन अब युक्तियुक्तकरण से शासकीय स्कूलों के बंद होने से प्राईवेट स्कूलों की ओर विद्यार्थियों को जाना पड़ेगा। महंगी शिक्षा व्यवस्था का पालकों को सामना करना पड़ेगा।
सोसायटियों में किसानों को डीएपी खाद नहीं...
पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता रविन्द्र चौबे ने सोसायटियों में किसानों को डीएपी खाद नहीं मिलने पर चिंता जताई है। उन्होने कहा है कि धान बुवाई का कार्य शुरु हो रहा है, लेकिन लेकिन किसानों को सोसायटियों में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पिछले बार भी किसानों को सोसायटियों से डीएपी खाद नहीं मिला था। दुर्ग जिले के एक भी सोसायटी में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। जबकि खेती के लिए किसानों को डीएपी खाद जरुरी है। राज्य सरकार किसानों के हित में ध्यान नहीं दे रही है। राज्य सरकार को चाहिए कि सोसायटियों में डीएपी खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने जल्द उचित पहल करे।

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