मध्यप्रदेश

नारीशक्ति के शौर्य और प्रेरणा का प्रतीक-, पीएम मोदी ने लगाया कच्छ की महिलाओं से मिला सिंदूर का पौधा

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नई दिल्ली। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर पौधारोपण किया। इस दौरान उन्होंने देशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई भी दी। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपने 7 लोक कल्याण मार्ग पर सिंदूर पौधे को रोपित किया। पीएम को यह पौधा उनकी कच्छ यात्रा के दौरान महिलाओं ने भेंट किया था।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "1971 के युद्ध में साहस और पराक्रम की अद्भुत मिसाल पेश करने वाली कच्छ की वीरांगना माताओं-बहनों ने हाल ही में गुजरात के दौरे पर मुझे सिंदूर का पौधा भेंट किया था। विश्व पर्यावरण दिवस पर आज मुझे उस पौधे को नई दिल्ली के प्रधानमंत्री आवास में लगाने का सौभाग्य मिला है। यह पौधा हमारे देश की नारीशक्ति के शौर्य और प्रेरणा का सशक्त प्रतीक बना रहेगा।"
हाल ही में पीएम मोदी गुजरात के कच्छ दौरे पर गए थे, जहां उनसे 1971 के युद्ध में अद्भुत साहस दिखाने वाली वीरांगनाओं ने मुलाकात की थी और इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को सिंदूर का पौधा भेंट किया। इस भाव से प्रभावित होकर पीएम मोदी ने वादा किया था कि वह इसे अपने निवास पर लगाएंगे। उन्होंने अपने वादे को पूरा करते हुए विश्व पर्यावरण दिवस पर सिंदूर पौधे को 7 लोक कल्याण मार्ग पर लगाया।
इससे पहले, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विश्व पर्यावरण दिवस की देशवासियों को शुभकामनाएं दी थीं।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, "इस विश्व पर्यावरण दिवस पर, आइए हम अपने ग्रह की रक्षा करने और हमारे सामने आने वाली चुनौतियों पर काबू पाने के लिए अपने प्रयासों को और गहरा करें। मैं उन सभी लोगों की भी सराहना करता हूं, जो हमारे पर्यावरण को हरा-भरा और बेहतर बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। जो प्रकृति की रक्षा करते हैं, प्रकृति उसकी रक्षा करती है। पर्यावरण में संतुलन हमारी पुरातन परंपरा का एक अहम हिस्सा है। हम जो भी करते हैं उसका सीधा असर हमारे पर्यावरण पर पड़ता है। पर्यावरण को लेकर यह जरूरी है कि दुनिया के सभी देश निहित स्वार्थ से ऊपर उठकर सोचे।"
विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है, यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सतत विकास को बढ़ावा देने का एक वैश्विक मंच है। 1972 में संयुक्त राष्ट्र ने इसकी शुरुआत की थी, जो हमें प्रकृति के साथ अपने संबंधों पर विचार करने और जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और जैव विविधता के नुकसान जैसे मुद्दों पर कार्रवाई करने का अवसर देता है। हर साल एक नई थीम के साथ, यह व्यक्तियों, समुदायों और सरकारों को पर्यावरण के लिए सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है।

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