दुर्ग/ पुरई । कहते है, जहां चाह है, वहां राह है.. इस पंक्ति को चरितार्थ कर रहा है,खेल गांव के नाम से प्रसिद्ध पुरई की फ्लोटिंग विंग्स स्विमिंग एकेडमी आज से तैराकी के क्षेत्र में 12 वर्ष पूर्व किसी ने सोचा भी नहीं था कि छत्तीसगढ़ की माटी में वो दम है, जो सीमित साधनों के बीच राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकता है। इसे धरातली व ग्रामीण परिवेश में भी कर दिखाया है ग्राम पुरई के जांबाज युवाओं में इनका पहले नाम आता है तैराकी के राष्ट्रीय कोच व वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले हौसलेबाज ओमकुमार ओझा का, जिन्होंने अपनी लगन व मेहनत और जज्बे से साधनविहीन स्थितियों से जूझकर ऐसे प्रतिभावान तैराक पैदा किए,जो आज राष्ट्रीय तैराकी के आकाश में तारे की तरह जगमगा रहे हैं।
यही वजह है, कि तैराकी की दुनिया में ग्राम पुरई ऐसा परचम लहरा रहा है ,जो देश दुनिया के लिए एक मिसाल बन गया है और छत्तीसगढ़ का गौरव भी इसी छोटे से खेल ग्राम पुरई के डोंगिया तालाब में नहाते नहाते ओमकुमार ओझा सपनो की दुनिया में तैरने लगे और उस सपने ने ऐसी करवट ली कि पानी की दुनिया पानी पानी हो गई । उन्होंने एक स्वप्न संसार रचा, जो लगता तो था कि नामुमकिन था लेकिन उसे आसान बनाया उनकी जिद और सकारात्मक महत्वाकांक्षा ने पहले उन्होंने एकलव्य की तरह अपने लक्ष्य को पाने के लिए घोर साधना की और धीरे धीरे अपने गुर को निखारते हुए किशोर युवाओं की ऐसी टीम खड़ी की जिन्होंने तैराकी की दुनिया में इतिहास रच दिया।
आज उनके मार्गदर्शन में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले ईश्वर ओझा छह घंटे और चंद्रकला ओझा, तनुश्री कोसरे आठ घंटे तैरने का विश्वरिकार्ड बना चुके हैं। सिर्फ यही नहीं एक लंबी फेहरिस्त है, जो ओमकुमार ओझा के मार्गदर्शन में 8 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी और कई उपलब्धियां हासिल की है। आज स्थिति यह है, कि एकेडमी के तैराक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी की भी चुनौतियां देने के लिए तैयार है और एकेडमी इसके लिए तैयारियां भी प्रारंभ कर दी है,जिसके लिए गांव में अंतर्राष्ट्रीय स्विमिंग पुल बनाने की महत्वाकांक्षी परियोजना फलीभूत करने की दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए सर्वसुविधायुक्त संसाधन जुटाने के लिए एक आवश्यक जनसमर्थन और शासकीय अशासकीय सहयोग के लिए एक सकारात्मक वातावरण तैयार करने की दिशा में अग्रसर है, जिसके लिये प्राथमिक चरण में गत दिनों क्षेत्र के सांसद विजय बघेल और क्षेत्रिय विधायक ललित चंद्राकर की मौजूदगी में स्विमिंग पूल निर्माण का शिलान्यास उपस्थित जनप्रतिनिधि समाज सेवी खेल प्रेमी और ग्रामवासियों द्वारा किया गया ।
सभी न केवल इसके लिए उचित सहयोग का आश्वासन दिया बल्कि इस परियोजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए हर संभव मदद कर उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस दौरान एकेडमी की भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कोच ओमकुमार ओझा ने बताया कि तैराकी केवल एक खेल नहीं अपितु जीवन से जुड़ी हुई विद्या है। स्वयं की मांग है, कि हर बच्चे को तैराकी आनी चाहिए जिससे कि विशेष दुर्घटनाओं से बच सके व परिस्थितियों का भी वह सामना कर सके यह शारीरिक व्यायाम का भी एक माध्यम है। इसके साथ साथ इसे कैरियर का एक हिस्सा भी बनाया जा सकता है ।
उन्होंने जानकारी दी कि किस तरह एकेडमी के सदस्य छत्तीसगढ़ व उसके बाहर जाकर लोगों को तैराकी का प्रशिक्षण भी दे रहे है।
एकेडमी की प्रस्तावित कार्ययोजना में जहां स्विमिंग पूल के अतिरिक्त सर्वसुविधायुक्त परिसर का निर्माण भी है , जहां हॉस्टल ,मेस ,जिम, फिटनेस सेंटर, लाइब्रेरी जैसे तमाम सुविधाएं होगी वहीं इसे कैरियर की रूप में अपनाने के लिए आवश्यक तैयारियां भी कराई जाएगी।
उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी जनप्रतिनिधियों समाजसेवियों खिलाड़ियों व आम नागरिकों से अपील की है, कि वे अपने अपने स्तर पर सहयोग प्रदान करते हुए इस परियोजना को पूर्ण करने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने के दिशा में सकारात्मक पहल की और अपना आशीर्वाद प्रदान करे ताकि भविष्य में हमारा छत्तीसगढ़ तैराकी की दुनिया के मानचित्र पर अपनी उपलब्धि का रंग उकेर सके और एकेडमी द्वारा प्रतिष्ठित इंग्लिश चैनल पार करते हुए ओलंपिक में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर सके ।
डोंगिया तालाब ( तरिया) से शुरू हुई यह यात्रा समय पर तब उपलब्धियां हासिल कर सकती है जब अगर सारी सुविधाएं मिले तो निश्चित ही एकेडमी वांछित मुकाम को हासिल कर सकती हैं।
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