नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में अभद्र टिप्पणी करने वाले मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह प्रकरण को लेकर सुनवाई की। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक को आगे बढ़ा दिया है। इस बारे में वरिष्ठ अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने आईएएनएस से बातचीत में पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शीर्ष न्यायालय ने इस मामले में मुख्य रूप से दो अहम बिंदुओं पर निर्देश दिए। एक तरफ जहां कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई को बंद करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि वह खुद इस मामले की सुनवाई कर रहा है। ऐसी स्थिति में इस मामले का हाईकोर्ट में विचाराधीन रहना उचित नहीं है। दूसरी तरफ एसआईटी को इस मामले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया गया। अब इस मामले की सुनवाई जुलाई में होगी।
मंत्री विजय शाह ने महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान 'ऑपरेशन सिंदूरÓ को लेकर प्रेसवार्ता करने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी। उनके इस बयान पर खूब बवाल हुआ था। इसके अलावा, हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया। इसके बाद मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन उन्हें वहां भी फटकार लगी। कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित करने का आदेश दिया। इस समिति में प्रमोद वर्मा आईजी सागर जोन, कल्याण चक्रवर्ती डीआईजी एसएएफ और वाहिनी सिंह एसपी डिंडोरी को शामिल किया गया।
कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी। लेकिन, कोर्ट ने इस एफआईआर को नाकाफी बताते हुए दूसरी एफआईआर दर्ज करने को कहा। अपने बयान को लेकर आलोचनाओं में घिरने के बाद मंत्री ने कहा था कि वह कर्नल सोफिया कुरैशी का बहुत सम्मान करते हैं। वह अपनी बहन से ज्यादा कर्नल सोफिया कुरैशी को अपनी बहन मानते हैं। वहीं, कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों ने मंत्री से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने यहां तक कहा कि मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार मंत्री शाह को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाए।
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