-दुर्ग में सफाई कर्मचारियों के हड़ताल से कचरा कलेक्शन व्यापक तौर पर प्रभावित
-हड़ताली सफाई कर्मचारियों ने ठेका प्रथा के खिलाफ निकाली रैली, निगम प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी
दुर्ग। नगर निगम के सफाई कर्मचारी पिछले 8 दिनों से हड़ताल पर है। जिसके चलते नियमित रूप से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का कार्य बंद हो गया है। फलस्वरुप घरों के अलावा वार्डों के सार्वजनिक स्थानों पर कचरा जाम होने लगा है। जो गंदगी व बदबू के कारण लोगों की परेशानी का कारण बनने लगा है। सफाई कर्मचारी सफाई कार्य को ठेके पर दिए जाने व भुगतान में गड़बड़ी का विरोध कर रहे है। हड़ताली सफाई कर्मचारियों ने बुधवार को अपने आंदोलन का विस्तार करते हुए दादा-दादी पार्क से सुबह जोरदार रैली निकाली। यह रैली नगर निगम पहुंची। जहां सफाई कर्मचारियों ने ठेका प्रथा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज करवाया। रैली में नगर निगम के पूर्व महापौर व कांग्रेस नेता धीरज बाकलीवाल, नेता प्रतिपक्ष संजय कोहले, पार्षद दीपक साहू, विजयंत पटेल ,भास्कर कुंडले, पूर्व पार्षद प्रेमलता साहू, महेश्वरी ठाकुर सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने शामिल होकर सफाई कमचारियों की मांगों को जायज ठहराया है। पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल ने कहा है कि हम सफाई कर्मचारियों के हक की लड़ाई में साथ खड़े है। नगर निगम को अपनी हठधर्मिता को छोड़कर सफाई कर्मचारियों की मांगो को पूर्ण करना चाहिए। जिससे शहर में सफाई व्यवस्था पुन: सुव्यवस्थित रुप से प्रारंभ हो सके। पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा पिछले हफ्तेभर से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे मिशन क्लीन सिटी के कर्मवीरों के हड़ताल को धरना स्थल पहुंचकर मंगलवार को कांग्रेस नेताओं के साथ समर्थन दिया था। श्री बाकलीवाल ने कहा है कि सफाई कर्मचारयों को विगत एक महीने का वेतन अब तक निगम द्वारा नहीं दिया गया है। जिन कर्मचारियों को वेतन मिला भी है, वह अधूरा और असंगत है। कई कर्मचारियों के निष्ठा ऐप को बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दिया गया, जबकि उनका वेतन जारी नहीं किया गया । किसी कर्मचारी द्वारा एक दिन की छुट्टी लेने पर दो दिन का वेतन काटा जा रहा है, जो अन्यायपूर्ण है।
उन्होने कहा कि महापौर रहते हुए मैंने सदैव कर्मचारियों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा की है। मैं मिशन क्लीन सिटी में ठेका प्रथा को पूरी तरह समाप्त करने की मांग करता हूं। क्योंकि यह प्रणाली केवल शोषण को बढ़ावा देती है। बुधवार को रैली में शामिल सफाई कर्मचारियों ने बताया कि नगर निगम ने 1 अपै्रल से सफाई का काम ठेके पर दे दिया है। ठेकेदार के विरूद्ध वेतन की राशि कटौती करके जमा करने की शिकायत सामने आई है। आधे से अधिक कर्मियों को वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है। मिशन क्लीन सिटी में 582 कर्मचारी कार्यरत है, जो डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का काम करते है। इसके अलावा 1000 कर्मचारी प्लेसमन्ट में कार्यरत है, प्लेसमेन्ट कर्मचारियों ने भी हड़ताल को समर्थन दिया है। जिसके कारण डोर-टू-डोर कचरा केलेक्शन के साथ सड़क व नालियों की सफाई का काम भी बंद हो गया है। बता दें कि नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के हड़ताल और प्लेसमेंट कर्मचारियों द्वारा हड़ताल को समर्थन देने से शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। यदि हड़ताल खत्म नहीं हुई, तो बारिश के मौसम में शहर की जनता को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। रैली के दौरान हड़ताली सफाई कर्मी लंबित पूरे भुगतान के साथ ठेका प्रथा को रद्द करने की मांग पर अड़े है।
इधर निगम प्रशासन सफाई कर्मियों की हड़ताल की वजह से उत्पन्न संकट से निपटने वैकल्पित उपाय कर रही है। गाडिय़ों के माध्यम से दो या तीन दिन के अंतराल में कचरा उठाने का काम जारी है, लेकिन हड़ताल से सफाई की व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। पता चला है कि जिलाधीश द्वारा निगम आयुक्त व अन्य अधिकारियों की बैठक लेकर इसक हल निकाला जा रहा है।
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