जोधपुर । राजस्थान के बहुचर्चित काला हिरण शिकार मामले में 26 साल बाद एक बार फिर से कानूनी गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस केस में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान, सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे की भूमिका को लेकर बहस एक नए मोड़ पर पहुंच चुकी है। राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार की अपील पर 28 जुलाई 2025 को इन सभी सितारों के खिलाफ मामलों की संयुक्त सुनवाई की तारीख तय की है।
यह मामला वर्ष 1998 का है, जब फिल्म 'हम साथ साथ हैंÓ की शूटिंग जोधपुर के पास हो रही थी। इसी दौरान आरोप लगे कि शूटिंग के दौरान अभिनेता सलमान खान और उनके साथियों ने दो काले हिरणों का शिकार किया था। ये शिकार विश्नोई समुदाय की धार्मिक आस्था से जुड़ा मामला बन गया, क्योंकि यह समुदाय काले हिरण को पवित्र मानता है।
विश्नोई समाज की शिकायत पर जोधपुर पुलिस ने मामला दर्ज किया और सलमान खान को 12 अक्टूबर 1998 को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, उन्हें पांच दिन बाद ही जमानत मिल गई, लेकिन तब से लेकर अब तक यह मामला अदालतों में उलझा रहा है।
अभी तक की कानूनी स्थिति
इस मामले में कुल मिलाकर तीन प्रमुख कानूनी धाराएं सलमान खान पर लगी थीं:
काले हिरण के शिकार का मामला – (वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत)
अवैध हथियार रखने का मामला – (आर्म्स एक्ट के तहत)
अन्य आरोपियों की सहभागिता – सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे के खिलाफ सहयोग के आरोप
निचली अदालत ने वर्ष 2018 में अभिनेता सलमान खान को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई थी, जबकि सैफ, तब्बू, नीलम और सोनाली को बरी कर दिया गया था। सलमान को कुछ समय जेल में बिताना पड़ा, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई।
सरकार की अपील और हाईकोर्ट की कार्रवाई
राजस्थान सरकार ने निचली अदालत के उस फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की, जिसमें सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे को बरी कर दिया गया था। यह अपील लीव टू अपील के रूप में दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि निचली अदालत ने पर्याप्त सबूतों के बावजूद इन सितारों को गलत तरीके से राहत दी है।
बुधवार को जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की अदालत में इस अपील पर सुनवाई हुई। इसी दौरान यह तथ्य सामने लाया गया कि सलमान खान की सजा के खिलाफ भी अपील अब हाईकोर्ट में लंबित है। इस पर वकीलों ने मांग की कि दोनों मामलों को एक साथ जोड़ा जाए।
कोर्ट ने इस मांग को स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि सलमान खान और अन्य कलाकारों से जुड़े सभी मामलों की संयुक्त सुनवाई 28 जुलाई 2025 को होगी।
संयुक्त सुनवाई क्यों है महत्वपूर्ण?
संयुक्त सुनवाई से यह लाभ होगा कि सभी आरोपियों पर एक समान दृष्टिकोण से बहस हो सकेगी। गवाहों के बयान और सबूतों की समीक्षा समन्वित ढंग से की जा सकेगी।
निर्णय में स्पष्टता और न्यायिक पारदर्शिता बनी रहेगी।
यह फैसला भी दर्शाता है कि राजस्थान हाईकोर्ट इस मामले को अब अंतिम निष्कर्ष की ओर ले जाना चाहता है, जिससे दशकों से लटकते मामले को बंद किया जा सके।
मीडिया और समाज की नजरें फिर से जोधपुर पर
काला हिरण मामला पिछले दो दशकों से मीडिया का प्रिय विषय रहा है। सलमान खान की लोकप्रियता और बॉलीवुड से जुड़े अन्य सितारों के नाम जुडऩे के कारण यह मामला हमेशा सुर्खियों में रहा। विश्नोई समुदाय की सक्रिय भागीदारी और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े भावनात्मक पक्ष ने इस केस को एक सामाजिक और नैतिक बहस का मुद्दा भी बना दिया है।
— दोनों को एक साथ सुना जाएगा। अगर कोर्ट सरकार की अपील को स्वीकार करता है, तो बरी किए गए सितारों को भी फिर से दोषी करार दिया जा सकता है, और उन्हें सजा भुगतनी पड़ सकती है। वहीं, सलमान खान की सजा के खिलाफ दायर अपील पर भी कोई बड़ा फैसला आ सकता है।
विश्नोई समाज का रुख
विश्नोई समाज की ओर से इस केस को लगातार न्याय के लिए संघर्ष बताया गया है। समाज के नेताओं का कहना है कि वे केवल हिरणों के लिए नहीं, बल्कि पर्यावरण और धार्मिक आस्था की रक्षा के लिए खड़े हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि जो लोग कानून तोड़ेंगे, उन्हें सजा मिलनी ही चाहिए – चाहे वह कोई भी हो।
हिरण शिकार मामला भारतीय न्याय व्यवस्था, स्टारडम और समाज की अपेक्षाओं का एक ज्वलंत उदाहरण बन गया है। 26 वर्षों बाद भी इसका न्यायिक समापन नहीं हो सका है, लेकिन अब जब हाईकोर्ट ने संयुक्त सुनवाई की तारीख तय कर दी है, तो उम्मीद की जा रही है कि न्याय की दिशा में यह एक निर्णायक कदम साबित होगा।
अब सबकी निगाहें 28 जुलाई 2025 पर टिकी हैं, जब जोधपुर हाईकोर्ट सलमान और अन्य सितारों की किस्मत पर अगला बड़ा फैसला सुनाएगा।
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