बालोद। इन दिनों कोतवाली थाना इलाके में नशे के सौदागर बेखौफ होकर नशे का कारोबार खुलेआम कर रहे हैं। जिसे ना ही कार्यवाही का खौफ है और ना ही पुलिस का। शुरुआत में कोतवाली रविशंकर पांडे के थाना प्रभारी बनते ही जुलाई और अगस्त 2023 में थाने की ओर से सट्टा जुआ और नशे का कारोबार करने वाले लोगों को ढूंढ ढूंढ कर कार्यवाही की गई और फिर अब लगभग 2 साल से बेखौफ होकर वही लोग अपनी कारोबार की शाखा फैलाकर आसानी से अवैध कारोबार कर रहे हैं। शायद ही बालोद के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा कि कोतवाली थाना क्षेत्र में इस कदर अवैध कारोबार पहले कभी नहीं किया गया था जितना अभी चल रहा है।
-कार्यवाही और फिर सांठगांठ
थाना प्रभारी रविशंकर पांडे ने शुरुआत में खुद शराब, गांजा, गोली, सट्टा का कारोबार करने वाले को जाकर पकड़ा लेकिन अब डेढ़ साल से कोई कार्यवाही उन लोगों पर पुलिस की ओर से नहीं की जा रही। पुलिस के इस रवैये को देखकर ऐसा माना जा रहा है की शुरुआत में की गई कार्यवाही अवैध नशे के कारोबार और सट्टे जुए के कारोबार को करने वालों की पहचान कर उनके साथ सांठ गांठ करने का एक जरिया था। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कार्यवाही के बाद थाना लाते ही उनसे डील हुई होगी और फिर दूसरी बार उनके कारोबार में अब पुलिस झांकने तक नहीं जाती।
-इन जगहों पर चल रहा अवैध कारोबार
बालोद नगर के जवाहरपारा, मरारपारा, कुंदरुपारा, बालोद दल्ली और राजनांदगांव मुख्य मार्ग पर, बालोद इसके अलावा के कई अन्य हिस्सों में भी शराब, गांजा, नशीली गोलियां, सट्टे का कारोबार बेखौफ चल रहा है। कई ऐसे लोग भी हैं जो शहर में घूम घूमकर इस अवैध काम को अंजाम देते हैं। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में मालीघोरी, पाकुरभाट, पड़कीभाट, जमरूवा, धरमपूरा, टेकापार, उमरादाहा, जगन्नाथपुर, तरौद में खुलेआम शराब, गांजा और सट्टे का कारोबार चल रहा है।
-चर्चा में तीन आरक्षक
कोतवाली थाना इलाके में पदस्थ तीन आरक्षक इन दिनों काफी चर्चा में है। लोगों का मानना है वह तीनों आरक्षकों की नशे के सौदागरों के साथ ही सट्टा जुआ का कारोबार करने वालों से अच्छी जान पहचान है। जानकारी तो यह भी निकलकर सामने आ रही है कि तीनों आरक्षकों का कोतवाली थाना इलाके का अलग अलग हिस्सा बटा हुआ है और अपने अपने क्षेत्र में चलने वाले अवैध कारोबार का रुपया इकट्ठा कर अपने अधिकारी तक सौंपा जाता है और अपने पास भी थोड़े पैसे रखते हैं।
-गाय तस्करों से आखिर कैसा स्नेह
बालोद जिले के करहीभदर इलाके से हर सप्ताह बड़ी मात्रा में गाय की तस्करी की जाती है और गाय को कत्लखाने ले जाया जाता हैं। तस्कर सबसे पहले गायों को जंगलों में छोड़ते हैं और फिर आधी रात तस्कर बड़ी बड़ी गाड़ियों में आकर गायों को कत्लखाने ले जाते हैं। एक तरफ जहां आकाश पाताल में छुपे अपराधियों को पुलिस खोज निकालती है तो ऐसा नहीं कि पुलिस को गौ तस्करी के बारे में जानकारी नहीं है। पुलिस के साथ गौ तस्करों की सांठगांठ के चलते यह तस्करी होने की बात सामने आ रही है।
-गांव गांव में अवैध मिनी शराब दुकान
बालोद जिले के निपानी, मालीघोरी, उमरादाह सहित कई जगहों पर खुलेआम अवैध मिनी शराब दुकान संचालित हो रहा है। यानी शराब दुकान से शराब लेकर शराब माफिया 120 से 130 रुपए में अपने गांव में खपाते हैं। यह काम दिन के उजाले में भी खुलेआम होता है लेकिन पुलिस की ओर से कार्यवाही ना करना समझ से परे है।
18 बड़ी चोरी और सिर्फ छोटा सुनार पकड़ाया
बालोद जिले की पुलिस की ओर से पत्रकार वार्ता कर खुलासा किए गए 18 बड़ी चोरी के मामले में तीन चोर और एक मनिहारी का कारोबार करने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार किया। यह मामला इन दिनों खूब चर्चा में है। पुलिस ने बताया है कि सभी चोरी के मामले में बड़ी मात्रा में लाखों के सोने चांदी के जेवरात की भी चोरी हुई है। सभी चोरी के जेवरात एक छोटे मनिहारी का काम करने वाले सुनार के पास से बरामत हुआ। पुलिस ने यह भी खुलासा किया है सोने चांदी के जेवरात बेचकर चोर प्रोपर्टी भी खरीदे है। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर छोटे से मनिहारी का काम करने वाले सुनार के पास आखिर इतना पैसा कहां से आ गया जिससे वह लाखों के जेवरात खरीद लिया और चोरों को पैसा दे दिया। मामले में तो यह बात भी निकलकर सामने आ रही है कि इसमें चोरी के जेवरात को खरीदने वाला कोई बड़ा सुनार भी शामिल है लेकिन पुलिस ने उन पर कोई कार्यवाही नहीं की। इससे लोग समझ सकते हैं कि पुलिस आखिर छोटे सुनार को क्यों पकड़ा और बड़े को क्यों छोड़ दिया।
लाखों का जुआ
बालोद जिले में नए पुलिस कप्तान के आने के बाद से लाखों की चलने वाली जुए की फील्डिंग अब हर रोज चलने के बजाय बीच में चलती है। पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल के बालोद जिले के प्रभार संभालने से पहले तत्कालीन पुलिस अधीक्षक का व्यवहार मिलनसार और सरल स्वभाव के रूप में जाना जाता था। शायद यही वजह है कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के इस व्यवहार का फायदा उठाते हुए निचले स्तर के खाकीधारी अवैध कारोबार का तना बिखेर चुके है। नए पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल के आने से पहले कई महीनो तक लगातार बालोद में लाखों के जुए की फील्डिंग चलती रही जिसकी जानकारी आम लोगों को भी थी।
थाना प्रभारी और DSP के अच्छे संबंध
बालोद थाने में पदस्थ थाना प्रभारी रविशंकर पांडे और SDOP देवांश राठौर के अच्छे संबंध को हर कोई जानता है। थाने में अगर कोई भी कार्यवाही की जाती है और कार्यवाही करने से पहले SDOP को जानकारी दी जाती है। यानी दोनों के संबंध काफी अच्छे हैं और इनके संबंध के लोग कई मायने निकाल रहे हैं।
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