-अगली गलती पर कल्पना से भी बड़ी सजा दी जाएगी
दुर्ग। विश्व समाज के सामने युद्ध भारत युद्ध का संघर्ष विराम हो गया। वर्तमान भारत में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा चरम पर है। कोई भी इस संघर्ष विराम से खुश नहीं है। किंतु भारत के शीर्ष नेतृत्व ने भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा करके दुनिया के सामने पाकिस्तान को बेनकाब भी किया और घुटने टेकते पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम भी किया। अपने सामर्थ्य का परिचय दिया।
विश्व समाज के सामने भारत ने एक बार फिर जिम्मेदार राष्ट्र होने का परिचय दिया। भारत की सेना अगर ठान लेती तो अगले 48 घंटे के अंदर पाकिस्तान को घुटने पर ले आती। पाकिस्तान में खंडहर के अलावा कुछ नहीं बचता। हमारा लक्ष्य पाकिस्तान को मिटाना नहीं था।
-ऑपरेशन सिंदूर का लक्ष्य..
भारत का लक्ष्य पहलगांव अटैक का बदला लेना था। भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था । हम किसी राष्ट्र की सत्ता को अस्थिर नहीं करना चाहते। किसी क्षेत्र पर कब्जा करना भी हमारा उद्देश्य नहीं है।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग जिसमें ज्यादातर पर्यटक मारे गए.. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) को जिम्मेदार ठहराया और 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था। भारत ने इस ऑपरेशन के माध्यम से अपनी सेना की ताकत का प्रदर्शन दुनिया के सामने किया. 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें करीब 100 आतंकवादी मारे गए। भारत ने स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम का भी प्रदर्शन किया। कंधार विमान अपहरण के दोषियों के साथ कई अन्य आतंकी वारदात को अंजाम देने वाले 5 खूंखार आतंकवादियों को मारना इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता थी। आतंकवादियों के कई ट्रेनिंग सेंटर भारत ने तबाह कर दिए। पाकिस्तान के कई शहरों में स्थित उनके एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह किया गया। भारत के इस हमले का असर पाकिस्तान पर कई सालों तक बना रहेगा।
सीजफायर के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता की। यह लड़ाई भारत और पाकिस्तान की नहीं थी। यह लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छा शक्ति और नई रणनीति की थी नई रणनीति की थी।
विश्व समाज के सामने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही सीजफायर करने को तैयार हो गए हैं। भारत सरकार ने भी अपने बयान में इस जानकारी पर मुहर लगा दी । सऊदी अरब और अमेरिका दोनों इस दिशा में बहुत सक्रिय थे कि किसी तरह दोनों देशों के बीच युद्ध को रोका जा सके। सऊदी अरब ने विश्व समुदाय के सामने भारत के पक्ष में आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।
संघर्ष विराम से भारत में बहुत से राष्ट्रवादी लोग इस फैसले से खुश न हों क्यों कि देश में जनभावना इस समय पूर्ण रूप से पाकिस्तान को सबक सिखाने की थी। भारत अगर पाकिस्तान को औकात दिखाकर सीजफायर के लिए सहमत होता है तो यह उसकी दोहरी जीत है।
भारत की यह सामरिक और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर जीत है। आतंकवादियों के जनाजे में आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना ने शामिल होकर की यह बता दिया कि आतंकवाद के साथ सी खड़ी हुई है।
भारत में पूरी जिम्मेदारी और संयम का परिचय दिया। 9 टारगेट को हिट करने के बाद भी भारत में स्पष्ट किया कि हमने आतंकवाद के खिलाफ कार्यवाही की है। पाकिस्तान और पाकिस्तानी अवाम या सेना को नुकसान पहुंचाना हमारा लक्ष्य नहीं है। आतंकवादियों के जनाजे में शामिल होकर और भारत के खिलाफ कार्यवाही करके विश्व समाज के सामने स्वयं को गैर जिम्मेदार और आतंकवादियों का समर्थक साबित कर दिया है।
-संघर्ष विराम के बाद क्या?
सीमा पर समय-समय पर पाकिस्तान संघर्ष विराम का उल्लंघन करता रहता है। इस बार के संघर्ष विराम के पश्चात कड़े नियमों का प्रावधान करना चाहिए। भारत में एक भी पाकिस्तानी आतंकवादी मिलता है तो भारत कार्यवाही के लिए स्वतंत्र रहेगा। सिंधु जल समझौता तब तक रद्द रहना चाहिए जब तक कि पाकिस्तान खून और पानी में से किसी एक को चुन नहीं लेता। पाकिस्तान को इस कदर मजबूर किया जाना चाहिए कि उसे महसूस हो जाए कि पड़ोसी देश से संबंध बिगड़ करके वह अपने अस्तित्व को बनाए नहीं रख सकता।
अगर कश्मीर के आतंकवादियों को पाकिस्तान देता है तो बलूचिस्तान सिंध के असंतोष को भारत द्वारा हवा दी जा सकती है।
बुद्ध की धरती ने यह संदेश दे दिया कि हम युद्ध नहीं चाहते। हम विश्व बंधुत्व और वसुधैव कुटुंबकम् का पाठ पढ़ाने वाले देश में। हम किसी को छेड़ेंगे नहीं कोई हमें छेड़ेगा तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं।
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