दुर्ग-भिलाई

हरनाबांधा मुक्तिधाम में एक दिवसीय जीवन यात्रा आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन

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-ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने इस चित्र प्रदर्शनी में बताया मृत्यु वास्तव में क्या है ? मृत्यु के बाद क्या ? जीवन चक्रीय नियम 
दुर्ग।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय "आनंद सरोवर " बघेरा के द्वारा हरनाबांधा मुक्तिधाम में एक दिवसीय जीवन यात्रा आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । इस चित्र प्रदर्शनी में मृत्यु वास्तव में क्या है ? मृत्यु के बाद क्या ? जीवन चक्रीय नियम ।
                 इस आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनीके विषय में जानकारी देते हुए ब्रह्माकुमारी चैतन्य प्रभा बहन ने बताया वास्तव में जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु है यह चित्र प्रदर्शनी लगाने का उद्देश्य सर्व मनुष्य आत्माओं में मृत्यु के प्रति जो अवधारणा है उसे आध्यात्मिक ज्ञान के द्वारा स्पष्ट करना है। इस प्रदर्शनी में समझाया गया है कि मृत्यु वास्तव में जीवन का अंत नहीं परंतु एक नए जीवन की शुरुआत है। जन्म मृत्यु के जीवन चक्र में जब मनुष्य शरीर जीवन उपयोगी नहीं रहता तब शरीर को चलने वाली चैतन्य शक्ति जीवात्मा नूतन शरीर के लिए पुनर्जन्म लेती है जिस प्रकार गेस्ट हाउस को कुछ समय के अंतराल में छोड़ना पड़ता है तथा जिस प्रकार पंछी अपने पुराने घोसले को छोड़ नए घोसले में रहते हैं।

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उसी प्रकार अजर, अमर,अविनाशी मनुष्य आत्मा शरीर बदलते रहती है । इसके अलावा इस प्रदर्शनी में यह बताया गया कि कहा जाता है मानव जीवन अत्यंत ही मूल्यवान है किंतु विडंबना यह है जो चीज छोड़कर जाना है उसे इकट्ठा करने में सारी दुनिया लगी हुई है और जो चीज साथ में जाना है उसके प्रति ना ही तो किसी का ध्यान है ना ही उसके प्रति सजग है। जिंदगी में पुण्य कर्मों की कितनी कमाई की है जो हमारे साथ जानी है बाकी स्थूल धन संपत्ति वैभव तो यहीं छूट जाने है। हिसाब रखो क्योंकि मृत्यु भगवान को हिसाब देने का पवित्र दिन है। मृत्यु को अच्छा बनाने के लिए ईश्वरी याद में रहकर हर कर्म करना जरूरी है । इस अवसर पर प्रमुख रूप से ब्रह्माकुमारी मालती बहन,रेणुका बहन,लीला बहन के अलावा संस्था के अनेक भाई बहनें इस आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी में अपनी सेवाएं देने के लिए उपस्थित हुए।

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