-गुरूद्धारे में रागी जत्था ने किया कीर्तन, गुरूद्धारे में अरदास के साथ कराया गया लंगर, सामाजिक लोगों ने टेका माथा
बालाघाट। रविवार को बालाघाट में सिक्ख समाज ने बैसाखी का पर्व खालसा पंथ साजना दिवस के रूप में मनाया। गुरूद्धारे में सिक्ख समाज के लोगों ने माथा टेका। इस दौरान गुरूद्धारे में अखंड पाठ साहिब की सेवा और रागी जत्था के शबद कीर्तन का आयोजन किया गया। दरअसल, बैसाखी का पर्व सिक्ख धर्म के लिए बड़ा ही महत्वपूर्ण पर्व है। चूंकि इसी दिन सिक्खो के दसवे गुरू, गुरू गोबिंदसिंघ ने, खालसा पंथ की स्थापना कर सिक्ख समाज की नींव रखी थी। उन्होंने अपने पंचप्यारो को अमृतपान कराया था। यही कारण है कि सिक्ख समाज, बैसाखी का पर्व, पूरी श्रद्धा, आस्था, विश्वास और खुशी के साथ मनाता है।
रविवार को बालाघाट मुख्यालय में बैसाखी पर्व को लेकर श्री गुरूद्धारा गुरूसिंघ सभा के संरक्षक सतनामसिंह सलूजा, सुरजीतसिंह छाबड़ा और अध्यक्ष हीरासिंघ भाटिया ने बताया कि रविवार को बैसाखी का पर्व खालसा पंथ साजना दिवस के रूप में साध संगत के साथ मनाया गया। चूंकि आज के दिन ही गुरू, गुरू गोबिंदसिंघ महाराज ने खालसा पंथ की स्थापना कर सिक्ख धर्म की नींव रखी थी। पंजाब के अनंतपुर में, गुरू गोबिंदसिंघ जी महाराज ने अपने पंच प्यारों का अमृत पान कराया था। आज के दिन गुरू गोबिंदसिंघ जी महाराज के बताए गए मार्गो पर चलकर सिक्ख समाज, आज सिक्ख धर्म की स्थापना दिवस पर गुरूद्धारे में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। जिसमें दिन के साथ ही रात्रि में भी समाज और आम लोगांे को गुरू के प्रसाद के रूप में लंगर की सेवा की जा रही है।
खालसा पंथ साजना दिवस पर आयोजित गुरूद्धारे में मनाए गए बैसाखी पर्व पर जहां बच्चों ने शब्द कीर्तन किया तो वहीं सभा ने, राजेश गांधी, पूरनसिंह भाटिया, सतनामसिंह सलूजा, हरभजनसिंह गांधी, जसमीतसिंघ मनमीतसिंघ पसरिचा, कमलाकौर भाटिया, अजीतसिंघ बग्गा, मनिंदरकौर धारीवाल का सम्मान किया।
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