जयपुर। राजस्थान के डूंगरपुर साइबर पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश करते हुए झारखंड के एक बीटेक छात्र को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर 80 से ज्यादा सरकारी विभागों और नामी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को फ्रेंचाइजी व अन्य सरकारी योजनाओं का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार युवक की पहचान झारखंड के गोंडा जिले निवासी रितु आनंद के रूप में हुई है। चौंकाने वाली बात यह है कि रितु छत्तीसगढ़ के भिलाई स्थित एक निजी कॉलेज में बीटेक तृतीय वर्ष का छात्र है।
डूंगरपुर साइबर थाना अधिकारी गिरधारीलाल ने बताया कि रितु आनंद बेहद शातिर तरीके से इस फर्जीवाड़े को अंजाम देता था। उसने सरकारी विभागों एवं बीएसएनएल, टाटा जूडियो जैसी कई प्रतिष्ठित कंपनियों की हूबहू मिलती-जुलती नकली वेबसाइटें बना रखी थीं। इन फर्जी वेबसाइटों के जरिए वह लोगों को लुभावने ऑफर देता था, जैसे, बीएसएनएल का टावर घरों, दुकानों या खाली जमीन पर लगवाना। सीएनजी पंप आवंटित करवाना। जन आवास योजना का लाभ दिलवाना। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन पास करवाना। टाटा जूडियो समेत कई निजी कंपनियों की फ्रेंचाइजी दिलवाना। इन झूठे वादों के नाम पर वह लोगों से रजिस्ट्रेशन फीस या अन्य शुल्कों के बहाने मोटी रकम ऐंठ लेता था।
इस हाई-टेक ठगी का खुलासा तब हुआ जब डूंगरपुर निवासी प्रशांत चौबीसा ने पिछले वर्ष 18 नवंबर को साइबर थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई। चौबीसा ने बताया कि उन्होंने फेसबुक पर टाटा जूडियो कंपनी की फ्रेंचाइजी का विज्ञापन देखा था। विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नंबर और ईमेल पर संपर्क करने पर रितु आनंद ने खुद को कंपनी का अधिकारी बताया और फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर उनसे किश्तों में कुल 24 लाख 24 हजार 500 रुपये ठग लिए।
चौबीसा की शिकायत पर पुलिस ने तकनीकी जांच शुरू की तो सारे तार रितु आनंद से जुड़े। पुलिस ने पाया कि आनंद फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी फर्जी वेबसाइटों का प्रचार कर लोगों को फंसाता था। लोकेशन ट्रेस कर पुलिस टीम ने पिछले दिनों रितु आनंद को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम रविवार (6 अप्रैल) को आरोपी को लेकर डूंगरपुर पहुंची है।
थाना अधिकारी गिरधारीलाल ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में रितु आनंद ने देशभर में कई लोगों के साथ इसी तरह करोड़ों रुपये की ठगी करने की बात स्वीकार की है। पुलिस अब आरोपी से विस्तृत पूछताछ कर रही है ताकि ठगी के पूरे नेटवर्क और कुल रकम का पता लगाया जा सके।
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