होम / दुर्ग-भिलाई / जबरन युक्तियुक्तकरण शिक्षकों के हित में नहीं: राजेश पाल
दुर्ग-भिलाई
-शिक्षकों की कमी का आसपास के संकुल से हो सकती है भरपाई : महाफैडरेशन
दुर्ग। छत्तीसगढ़ प्रदेश में एक तरफ शिक्षक शिक्षिकाएं बोर्ड व लोकल परीक्षाओं को संपन्न कराने और मूल्यांकन कार्य में जी -जान से जुटे हुए हैं, ताकि बच्चों को एक सुनहरा भविष्य प्राप्त हो ऐसे में शिक्षकों को बिना किसी सुगबुगाहट के उनके स्थानांतरण करने की साजिश शिक्षा विभाग कर रहा है और युक्तियुक्तकरण का दैत्य शिक्षकों के सामने खडे करने की गुपचुप तरीके से विभागीय गतिविधियां जारी है। जैसा कि विभिन्न वैब न्यूज चैनलों के माध्यम से संगठन को पता चला है। यदि यह बात सही है तो यह उन ईमानदार व परिश्रमी शिक्षकों के प्रति कुठाराघात होगा।
छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरेशन संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल ने शासन प्रशासन से युक्तियुक्तकरण नहीं करने की मांग करते हुए एक सुझाव दिया है कि यदि शिक्षा में गुणवत्ता लाना है तो युक्तियुक्तकरण न करके एसे एकल शिक्षक व शिक्षक विहीन स्कूलों को चिन्हांकित करते हुए आस पास से अंतर संकुलों के शिक्षक शिक्षिकाओं को ही अपने सर्वाधिक पास के स्कूल व संकुल में ही समाहित कर दिया जाए जिससे कि शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता नए सत्र में हो जाएगी एवं किसी भी शिक्षक शिक्षिकाओं को अपने परिवार से दूरस्त स्थानांतरण जैसे दु:खदाई परिस्थितियों से नहीं गुजरना पड़ेगा।
पाल ने यह भी सम्भावना जताई है कि विभाग में एसे मौको को आपदा में अवसर समझने वाले भ्रष्ट बाबुओं व अधिकारियों को भी बहती गंगा में हाथ धोने का अवसर मिल जाएगा जिससे अनेक शिक्षकों को आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है। अतः महाफैडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश ने स्पष्ट रुप से युक्तियुक्तकरण का विरोध किया है एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से निवेदन करते हुए मांग की है कि उपरोक्त संगठन के सुझाव अनुसार पहल करते हुए प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर कराने की ओर शिक्षकीय हित में सकारात्मक कदम उठायेंगे।
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