रायपुर । श्रम विभाग के अंतर्गत औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा में पदस्थ केके. द्विवेदी को उप संचालक से संचालक के पद में नियम विरुद्ध पदोन्नति देने का मामला प्रकाश में आया है। श्रम विभाग के सचिव से इसकी शिकायत हुई है।
इस संबंध में शिकायकर्ता ने बताया कि केके. द्विवेदी की पदोन्नति में विभागीय नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया है। पदोन्नति के लिए उचित चयन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज, प्रथम श्रेणी से प्रथम श्रेणी के पद में पदोन्नती के लिए अनिवार्य योग्यता सह वरिष्ठता के नियमों का भी अनुपालन नहीं किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केके. द्विवेदी का प्रमोशन विगत 07 फऱवरी को हुए विभागीय पदोन्नती समिति के बैठक के उपरांत दिनांक 24 फऱवरी 2025 के आदेश द्वारा किया गया है। पदोन्नती वर्ष 2025 में हुई है।
ध्यातव्य है कि विभाग द्वारा वर्ष 2023 एवं 2024 के लिए ग्रेडैशन लिस्ट जारी नहीं किया गया है। संचालक के 01 पद में पदोन्नती के लिए नियमानुसार 3 और उम्मीदवारों के विगत 5 वर्षों के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन, चल-अचल संपत्ति का अभिलेख भी देखा जाता है। किन्तु ज्ञात हुआ है, वर्ष 2023-2024 के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन और ग्रेडैशन लिस्ट के बिना यह पदोन्नती की गई है।
विभागीय पदोन्नती समिति द्वारा प्रथम श्रेणी से प्रथम श्रेणी के पद मे पदोन्नती के लिए अनिवार्य योग्यता सह वरिष्ठता के नियमों का भी अनुपालन नहीं किया गया है। केवल वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नती दी गई है।
यह भी ज्ञात हुआ है कि के के. द्विवेदी के विरुद्ध लोक आयोग, एंटी करपशन ब्योरो मे बिभिन्न मामले चल रहे हैं। विभाग में भी इनके विरुद्ध कई गंभीर आरोप प्राप्त हुए हैं। इन सभी तथ्यों को नजरंदाज करते हुए के. के. द्विवेदी को उप संचालक से संचालक के पद मे पदोन्नत किया गया है, जो को विधिक रूप से गलत है। अत: इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने और अवैध पदोन्नति के संबंध में उचित कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।
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