छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की 'मन की बात' में बस्तर ओलंपिक आयोजन की प्रशंसा

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-बस्तर ओलंपिक एक ऐसा मंच है जहां विकास और खेल का हो रहा संगम
-मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों की ओर से जताया आभार
-कहा - बस्तर ओलंपिक का आयोजन यह सिद्ध करता है कि शांति, विकास और सामूहिक प्रयासों से प्रत्येक चुनौती का सामना किया जा सकता है
रायपुर
। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात की 117वीं कड़ी में देश को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित बस्तर ओलंपिक-2024 की प्रशंसा की। श्री मोदी ने कहा पहली बार हुए बस्तर ओलंपिक से बस्तर में नई क्रांति जन्म ले रही है। मेरे लिए यह बहुत ही खुशी की बात है कि बस्तर ओलंपिक का सपना साकार हुआ है। यह ओलंपिक उस क्षेत्र में हो रहा है जो जगह कभी माओवादी हिंसा का गवाह रहा है। श्री मोदी ने कहा कि बस्तर ओलंपिक का शुभंकर है वनभैंसा और पहाड़ी मैना - इसमें बस्तर की समृद्ध संस्कृति की झलक दिखती है। इस बस्तर खेल महाकुंभ का मूलमंत्र है, ‘करसाय ता बस्तर, बरसाय ता बस्तर’ यानी खेलेगा बस्तर, जीतेगा बस्तर।  

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बस्तर ओलंपिक-2024 की सराहना करते हुए कहा कि पहली ही बार में बस्तर ओलंपिक में बस्तर संभाग के 7 जिलो के एक लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं युवाओं के संकल्प की गौरव गाथा है। एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो और बॉलीवॉल हर खेल में हमारे युवाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मन की बात में बस्तर ओलंपिक के प्रतिभागियों के उत्साह का भी जिक्र किया। उन्होंने बस्तर की कारी कश्यप का जिक्र करते हुए कहा कि एक छोटे से गांव से आने वाली कारी जी ने तीरंदाजी में रजत पदक जीता है, वे कहती हैं बस्तर ओलंपिक ने हमें खेल का मैदान नहीं जीवन में आगे बढ़ने का अवसर दिया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि सुकमा की पायल कवासी जी की बात भी कम प्रेरणादायक नही है, जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने वाली पायल जी कहती हैं कि अनुशासन और कड़ी मेहनत से जीवन में कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बस्तर के दोरनापाल में रहने वाले पुनेम सन्ना की कहानी को नए भारत की प्रेरक कथा बताते हुए कहा कि एक समय नक्सलियों के प्रभाव में आए पुनेम जी आज व्हीलचेयर पर दौड़कर मेडल जीत रहे हैं, उनका साहस और हौसला हर किसी के लिए प्रेरणा है। कोंडागांव के तीरंदाज रंजू सोरी जी को बस्तर यूथ आइकॉन चुना गया है, उनका मानना है बस्तर ओलंपिक दूरदराज के युवाओं को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचने का अवसर दे रहा है। बस्तर ओलंपिक केवल एक खेल आयोजन नहीं यह ऐसा मंच है जहां विकास और खेल का संगम हो रहा है, जहां हमारे युवा अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं और एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बस्तर ओलंपिक के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने आह्वान किया कि ऐसे खेल आयोजन को प्रोत्साहित करें और स्थानीय खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर दें। खेल से न केवल शारीरिक विकास होता है, बल्कि यह खेल भावना के विकास के द्वारा समाज को जोड़ने का भी एक सशक्त एवं प्रभावकारी माध्यम है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर ओलंपिक की प्रशंसा पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का प्रदेशवासियों की ओर से आभार व्यक्त किया। श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार बस्तर में बदलाव और यहां के लोगों के जीवन में खुशहाली लाने दृढ़संकल्पित है। बस्तर ओलंपिक में 1.65 लाख से अधिक लोगों का प्रतिभागी होना ओलंपिक की सफलता को दर्शाता है। बस्तर में अब बंदूक की आवाज नहीं, खेलों का शोर सुनाई देता है, हंसते-खेलते लोगों के चेहरे दिखाई देते हैं। निश्चित ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस प्रोत्साहन और विश्वास से हमारी सरकार को बस्तर की प्रगति के लिए कार्य करने की नई ऊर्जा मिलेगी, साथ ही बस्तरवासियों का मनोबल बढ़ेगा। लोगों के उत्साह ,ऊर्जा और सहभागिता ने इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। यह आयोजन भविष्य में भी खेल और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से क्षेत्र के विकास की संभावनाओं को और मजबूती प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक का आयोजन यह सिद्ध करता है कि शांति, विकास और सामूहिक प्रयासों से प्रत्येक चुनौती का सामना किया जा सकता है।

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