दुर्ग

बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण व टीकाकरण पर रखे विशेष ध्यान-कलेक्टर सुश्री चौधरी

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- बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत बालकों के आधार कार्ड, बैंक खाता एवं आयुष्मान कार्ड बनवाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाए
- गर्भवती महिलाओं और बच्चों के भोजन में पौष्टिक आहार शामिल किया जाए
-राष्ट्रीय पोषण माह एवं वजन त्यौहार 2024 के संबंध में चलाए जा रहे कार्यक्रमों की गई विस्तृत समीक्षा
- महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यो की समीक्षा
दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने जिला कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय पोषण माह एवं वजन त्यौहार 2024 के संबंध में चलाए जा रहे कार्यक्रमों एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के बारे में विस्तृत समीक्षा की ।
-जिला बाल संरक्षण इकाई की समीक्षा
कलेक्टर ने जिला बाल संरक्षण इकाई के संबंध में जिले में संचालित बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत् बालकों की संस्थावार जानकारी ली। उन्होंने संस्थाओं में निवासरत् बालकों के आधार कार्ड बैंक खाता एवं आयुष्मान कार्ड बनवाने का कार्य शत-प्रतिशत किए जाने के निर्देश दिए। जिले में शासकीय बालगृह, बाल सम्प्रेक्षण गृह, विशेष गृह, प्लेस ऑफ सेफ्टी, दत्तक ग्रहण एजेंसी, खुला आश्रय गृह एवं मदरसा अशरफिया यतीम खाना शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित किए जा रहे विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से समीक्षा की। विभिन्न संस्थाओं मंे निवासरत बालक, बालिकाओं को उनकी प्रतिभा के अनुसार उनको उस क्षेत्र में पारगंत करने को कहा। समीक्षा के दौरान उन्होंने अशासकीय मातृछाया सेवा भारती, दत्तक ग्रहण एजेंसी में निवासरत बालक-बालिकाओं की जानकारी ली। इस पर पर्यवेक्षक ने बताया कि उक्त संस्था में 0 वर्ष से 06 वर्ष के बालक/बालिकाओं को निवास दिया जाता है। वर्तमान में 04 बालिका एवं 02 बालक उपस्थित हैं। उन्होंने चाईल्ड लाईन में प्राप्त प्रकरणों एवं लंबित प्रकरणों की जानकारी ली। कलेक्टर ने चाईल्ड लाईन के टोल फ्री नम्बर 1098 को सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों मंे चस्पा करने के निर्देश दिए। 
कलेक्टर सुश्री चौधरी ने एक युद्ध नशे के विरूद्ध के अंतर्गत कार्ययोजना तैयार कर संबंधित विभागों से समन्वय कर विशेष अभियान चलाने को कहा। साथ ही जिले में चिन्हांकित हॉट स्पॉट जगहों पर संयुक्त टीम द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाने के निर्देश दिए। 18 वर्ष से कम उम्र के बालक द्वारा मादक द्रव्य, नारकोटिक्स ड्रग, तम्बाकू उत्पाद या मन प्रभावी पदार्थ बेचने, बेचने हेतु नियोजित करना, उपयोग हेतु प्रदान करना या परिवहन करवाना प्रतिबंधित है। इसका उल्लघंन करने पर किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। बाल श्रमिक रोकथाम हेतु जिले के छोटे और बड़े प्रतिष्ठानों जैसे कारखानों, ढाबों, उद्योगों, होटलों, संगठित दुकानों और खदानों, ईट भट्टों जैसे असंगठित क्षेत्रों में लगे बच्चों और किशोरों के बचाव के लिए विशेष अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। 
शासकीय बाल सम्प्रेक्षण गृह एवं बाल गृह में निवासरत बालकों को नियमित शिक्षा जाने हेतु शिक्षक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने दिव्यांगजन बालकों हेतु बाल देखरेख संस्थाओं में रैम्प की जानकारी ली। बालगृह में निवासरत बालकों के लिए माह में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण किए जाने हेतु मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया। उन्होंने सखी वन स्टॉप सेंटर में दर्ज प्रकरणों एवं निराकरण की स्थिति पर चर्चा की। 

-राष्ट्रीय पोषण माह एवं वजन त्यौहार 2024 की समीक्षा
कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त पदों के भर्ती के संबंध में जानकारी ली। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि रिक्त पदो ंके लिए दावा आपत्ति आमंत्रित किया गया है। उन्होंने पोषण माह के तहत किए जा रहे विभिन्न गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की। पर्यवेक्षकों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण माह अभियान चलाने और कार्यकर्ता पालकों को व्यंजन प्रतियोगिता के माध्यम से पौष्टिक आहार के संबंध में जानकारी दी जा रही है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों का वजन किया जा रहा है। भोजन में हरी साग-सब्जियॉ, पौष्टिक आहार देने के लिए पालकों को बताया जा है। इसके साथ ही बच्चों को विभिन्न गतिविधियों में शामिल कर उनका बौद्धिक विकास किया जा रहा है। 
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के लिए 06 मुख्य थीम अनुसार गतिविधियां की जाएगी। जिसमें एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, बेहतर प्रशासन, पारदर्शित और कुशल सेवा वितरण के लिए प्रोद्योगिकी, समग्र पोषण शामिल है। पोषण माह 2024 का मुख्य उद्देश्य पोषण पंचायतों को सक्रिय करना है। आंगनबाडी केन्द्रों, स्कुलों, ग्राम पंचायतों एवं अन्य उपलब्ध सामुदायिक स्थानों पर पोषण वाटिका विकसित करने के लिए वृक्षारोपण गतिविधियों का आयोजन, पोषण के लिए योग एवं आयुष, विभिन्न समूहों तथा गर्भवती माता, बच्चें एवं किशोरी बालिका के लिए योग सत्रों का आयोजन, गंभीर कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन एवं उन्हें पौष्टिक आहार वितरण के लिए अभियान का संचालन राष्ट्रीय पोषण माह के आयोजन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश भी दिए गए है।  भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास के संलग्न संदर्भित निर्देश अनुसार इस वर्ष भी दिनांक 01 सितम्बर 2024 से 30 सितम्बर 2024 तक पोषण माह का आयोजन किया जाना है।
कलेक्टर सुश्री चौधरी ने बताया कि जिले में बच्चों के पोषण स्तर के आंकलन के लिए वजन त्यौहार का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के सुपोषण के लिए उनके वजन की जानकारी होना जरूरी है। बच्चों को पौष्टिक आहार देते हुए उनके विकास की मॉनिटरिंग करना है। सामुदायिक सहभागिता से सुपोषण के प्रति जागरूकता लाने की आवश्यकता है। 
कलेक्टर ने रोस्टर बनाकर गांव-गांव में वजन त्यौहार का आयोजन करने के निर्देश दिए। आंगनबाड़ी केन्द्रों में वजन मशीनों की उपलब्ध सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने जिले में आयोजित वजन त्यौहार में सभी संबंधित विभागों को समन्वित तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने वजन त्यौहार के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को उनके बच्चों की सही पोषण स्थिति से अवगत कराते हुए प्रत्येक गांव में कम वजन वाले बच्चों को चिन्हित कर कुपोषण की सही स्थिति का पता लगाने को कहा। कुपोषण कम करने की कार्ययोजना तैयार कर क्षेत्र विशेष, वर्ग विशेष में कुपोषण की पहचान करने जिससे यह भी स्पष्ट हो सके कि किन स्थानों पर और किन कारणों से कुपोषण अधिक है ताकि उनके लिए विशिष्ट कार्ययोजना बनाई जा सके। 
कलेक्टर ने स्टंटिंग (बौना) बच्चों की जानकारी ली। ये ऐसे बच्चे है जो अपनी उम्र के हिसाब से बहुत छोटे हैं और यह दीर्घकालिक या आवर्ती कुपोषण का परिणाम है। साथ ही उन्होंने अपनी उम्र से कम वजन वालों बच्चों की परियोजनावार जानकारी ली। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ऐसे बच्चों को पौष्टिक भोजन कराने एवं प्रत्येक परिवार के इसके प्रति जागरूकता लाना सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही उन्होंने बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं की गतिविधियों की जानकारी ली। बच्चों को गुड टच बेड टच के बारे में बताया जाए। आंगनबाड़ी केन्द्रों का विद्युतीकरण एवं पेय जल की व्यवस्था सुनिश्चित करें। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत प्रथम प्रसव वाली महिलाओं को तीन किस्तों में बैंक खाते के माध्यम से पांच हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान किया जाना सुनिश्चित करें। जिले में संचालित अपूर्ण आंगनबाडी भवनों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को ग्राम पंचायतों में शिविर लगाकर योजना का लाभ देने एवं बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण व टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। साथ ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पौष्टिक आहार भोजन में शामिल करने को कहा। 
बैठक के दौरान एडीएम अरविंद एक्का, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अश्वनी देवांगन, डिप्टी कलेक्टर उत्तम ध्रुव, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी अजय शर्मा सहित परियोजना अधिकारी व पर्यवेक्षक उपस्थित थे।

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