- अटल जी जन नायक थे, वो कवि के साथ साथ बेहद संवेदनशील व्यक्ति भी थे, लेकिन उनके व्यक्तित्व में चट्टान सी कठोरता का भी समागम था. उनकी इस कठोरता पोखरण-2 और कारगिल युद्ध में दिखी थी.
- वे ना सिर्फ एक स्वप्नद्रष्टा थे बल्कि वे एक राष्ट्रनिर्माता भी थे, जिनके पास राष्ट्र निर्माण के लिए विजन था.
एमसीबी/मनेन्द्रगढ़ (खगेन्द्र यादव)। भारतीय जनता पार्टी जिला एमसीबी द्वारा पुण्य तिथि पर जिला कार्यालय मे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी जी के छाया चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
वंही भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल केसरवानी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी विराट व्यक्तित्व… महान कवि… बहुमुखी प्रतिभा के धनी होने के साथ-साथ ऐसे जननायक जिसे पक्ष के साथ- साथ विपक्ष भी उतना ही तवज्जो देता है. अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पांचवी पुण्यतिथि पर पूरे देश शत् -शत् नमन कर रहा है. वहीं उनके नेतृत्व से भारत को बहुत फायदा हुआ. उन्होंने हमारे देश की प्रगति को बढ़ावा देने और इसे व्यापक रूप से 21वीं सदी में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वहीं, आज पीएम मोदी सदैव अटल भी जाएंगे।
-जादुई वाणी के धनी व्यक्ति...
देश के महान नेता अटल जी की वाक्पटुता और भाषण की अद्भुत शैली और चुंबक की तरह उनका व्यक्तित्व लोगों को सम्मोहित कर देती थी. उनकी जादुई वाणी के आकर्षण में लोग स्वतः ही बंध कर खिंचे चले आते थे. जब वे संसद या जनसभाओं में बोलते थे तो लोग मंत्रमुग्ध हो उनकी वाणी सुनते थे. कभी-कभी तो यह समझना मुश्किल हो जाता था कि वे कविता में राजनीति कह रहे या राजनीति में कविता. अटल जी के राजनीतिक विरोधी भी उनकी वाक्पटुता और भाषण शैली के की प्रशंसा किये बिना नहीं रह सकते थे. अटल जी जब भाषण देते थे तो उनका बॉडी लैंग्वेज भी अद्भुत होता था, वे ना सिर्फ अपने शब्दों से विपक्ष पर वार करते थे बल्कि उनकी भाव भंगिमा भी अनोखी होती थी. अटल जी के लिए यह कहा जाता था कि उनके जिह्वा पर सरस्वती का वास है.
अटल जी जन नायक थे, वो कवि के साथ साथ बेहद संवेदनशील व्यक्ति भी थे, लेकिन उनके व्यक्तित्व में चट्टान सी कठोरता का भी समागम था. उनकी इस कठोरता पोखरण-2 और कारगिल युद्ध में दिखी थी. वे ना सिर्फ एक स्वप्नद्रष्टा थे बल्कि वे एक राष्ट्रनिर्माता भी थे, जिनके पास राष्ट्र निर्माण के लिए विजन था.उन्होंने लगभग दो दर्जन दलों को साथ लेकर पूरे पांच साल तक सफल गठबंधन-सरकार का नेतृत्व किया और भारत को विश्वशक्ति बनाने की राह पर अग्रसर किया था. खुद पीएम मोदी भी अटल बिहारी वाजपेयी को अपना को ही अपनी प्रेरणा मानते हैं।
देश के इस महान सपूत की पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. उनकी समाधि सदैव अटल पर पक्ष और विपक्ष के नेता अपनी श्रद्धांजलि में अर्पित कर रहे हैं. बता दें, अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था. अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी. इसके अलावा उन्होंने बहुत ही खूबसूरत कविताओं की भी रचना की थी. उनकी कविताएं और रचनाएं जीवन के कठिन राह पर बिना रुके, बिना डरे चलने की सीख देती हैं. अटल बिहारी वाजपेयी के के अनमोल वचन आज भी सभी के लिए प्रेरणा बने हुए हैं. उनकी प्रेरणा दायक साहित्य के विषय मे भी जानकारी दी गई।
जो राजनीति में रुचि लेता है, वह साहित्य के लिए समय नहीं निकाल पाता और साहित्यकार राजनीति के लिए समय नहीं दे पाता, लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं, जो दोनों के लिए समय देते हैं. वे अभिनंदनीय हैं. इन्ही वचारो के साथ प्रमोद बंसल एवं गोपाल प्रसाद बुनकर जी ने भी अपने विचारों से अवगत करा धर्मेंद्र पटवा, संजय गुप्ता,राहुल सिंग,प्रमोद बंसल जमील शाह, अजमुद्दीन अंसारी, आशीष मजूमदार,आनंद ताम्रकार, मनोज केशरवानी, आदित्य राज डेविट, जनार्दन साहू,गोपाल प्रसाद बुनकर,जयनाथ शर्मा, प्रदीप वर्मा,चंदन सिंग, रामरतन् चौधरी,अटल बिहारी बाजपेयी जी के द्वारा मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित किये।
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