5 लाख के ईनामी नक्सली सहित 5 नक्सली गिरफ्तार, 3 भरमार बंदूक एवं अन्य सामग्री बरामद ...

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नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से देश में चिकित्सा माहाविद्यालयों को जमीन सुलभ कराने की 'उम्दा नीति' बनाने की अपील की है। मोदी ने बजट 2022-23 के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के बच्चे चिकित्सा शिक्षा के लिए छोटे-छोटे देशों में जाते हैं और इससे देश का भारी धन बाहर जाता है। श्री मोदी ने कहा कि निजी क्षेत्र चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई के लिए देश में ही सुविधाओं के विस्तार में सहायक हो सकता है और राज्य सरकार इसके लिए जमीन देने की अच्छी नीति बना सकती हैं। प्रधानमंत्री ने बजट को देश में चिकिस्ता सुविधाओं में सुधार और उसका कायाकल्प करने के प्रयासों को विस्तार देने वाला बताते हुए कहा, और भी मैं एक बात बताना चाहूंगा, खास करके प्राइवेट सेक्टर के साथियों से, आज हमारे बच्चे पढऩे के लिए खास करके मेडिकल एजूकेशन के लिए दुनिया के छोटे-छोटे देशों में जा रहे हैं। वहां भाषा की भी समस्या है फिर भी जा रहे हैं। देश का अरबों-खरबों रुपया बाहर जा रहा है। क्या हमारे प्राइवेट सेक्टर बहुत बड़ी मात्रा में इस फील्ड में नहीं आ सकते? श्री मोदी ने कहा, क्या हमारी राज्य सरकारें इस प्रकार के काम के लिए जमीनों को देने में उम्दा नीतियां नहीं बना सकती? ताकि अधिकतम डॉक्टर हमारे यहां तैयार हों, पैरामेडिक्स तैयार हों। उन्होंने कहा कि भारत इस क्षेत्र में दुनिया की मांग को पूरा कर सकता है। हमारे डॉक्टरों ने पिछले चार पांच दशक से पूरी दुनिया में भारत की इज्जत को बहुत बढ़ाया है। भारत के चिकित्सकों की प्रतिभा को विश्व का सामान्य से सामान्य नागरिक बहुत अच्छा मानता है। इसका मतलब हमारी ब्रांडिंग हो चुकी है। अब हमें योग्य लोगों को तैयार करने में तेजी लानी है। श्री मोदी का यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जबकि यूक्रेन पर रूस की चढ़ाई के बाद यूक्रेन में हजारों की संख्या में फंसे भारतीयों को वापस लाना एक चुनौती बन गयी है। इनमें ज्यादातर वे छात्र-छात्राएं हैं जो चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई करने के लिए वहां गए हुए हैं।