सेवा सहकारी समितियों और मंडी समितियों के चुनाव कराने की मांग को लेकर बघेल सरकार के खिलाफ  छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच का प्रदर्शन

सेवा सहकारी समितियों और मंडी समितियों के चुनाव कराने की मांग को लेकर बघेल सरकार के खिलाफ  छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच का प्रदर्शन

- गैर छत्तीसगढिय़ों को सरकारी जमीन का पट्टा और मालिकाना हक देने का किया विरोध
-1951 की जनगणना के आधार पर डोमीसाईल नीति बनाने की मांग
दुर्ग। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने सहकारिता अधिनियम में संशोधन करके किसानों को सहकारी समितियों में चुने जाने के अधिकार से वंचित करने से आक्रोशित छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के कार्यकर्ताओं ने आज पटेल चौक में प्रदर्शन किया। बघेल सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे मंच के कार्यकर्ता हाथों में पोस्टर लेकर समितियों का तत्काल चुनाव कराने की मांग कर रहे थे।  मंच ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में मंडी समितियों में चुनाव नहीं कराया है।
छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच की ओर से मुख्यमंत्री के नाम संयुक्त कलेक्टर प्रवीण वर्मा को पत्र दिया गया है जिसमें 1951 की जनगणना के आधार पर डोमीसाईल नीति बनाने, गैर छत्तीसगढ़ी मूल के लोगों को सरकार भूमि का पट्टा और मालिराना हक देना बंद करने, राजीवगांधी किसान न्याय योजना की आदान राशि बढ़ाकर प्रति एकड़ 18 हजार रूपये करने, राज्य में दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों का पारिश्रमिक बढ़ाकर न्यूनतम 800/- प्रति दिन करने, पेंशन की राशि बढ़ाकर 3 हजार रूपये प्रति माह करने, पेंशन के लिये पात्रता सूची को हर 3 माह में अद्यतन करने, आवास योजना के सभी पात्र हितग्राहियों को तत्काल आवास देने, सड़क चौड़ीकरण के लिये बेदखल किये गये पट्टाधारियों को भूमि और मकान का नियमानुसार मुआवजा राशि देने आदि मांगें शामिल है। आज के प्रदर्शन में राजकुमार गुप्त, अशोक साहू, पूरन साहू, ढालेश साहू, बालाराम साहू, मंगलूराम बघेल, भगतराम, हरदीप और कांकेर के कोमल यादव आदि शामिल थे।