विश्लेषण : दुर्ग-भिलाई में भाजपा की अंतर्कलह!

विश्लेषण : दुर्ग-भिलाई में भाजपा की अंतर्कलह!

- अनुशासन की दुहाई देने वाली भाजपा में घर के मामले को सड़क पर लाने की कवायद में लगा दुर्ग-भिलाई जिला भाजपा संगठन

दुर्ग। दुर्ग जिले के राजनीतिक इतिहास में कांग्रेस की बैठकों में होने वाली तनातनी को लेकर पार्टी संगठन के बाहर मीडिया और  सार्वजनिक जगह पर बयानबाजी करने की परिपाटी तो बहुत पुरानी रही है और वास्तव में कांग्रेस में इसे गलत भी नहीं माना जाता है लेकिन अनुशासन और सिद्धांत की दुहाई देने वाली भारतीय जनता पार्टी के इतिहास में दुर्ग-भिलाई की पहली ऐसी घटना सामने आई जिसमें पार्टी के अंदर हुई चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के बाद बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी करके अपनी पार्टी के स्थापित नेता के खिलाफ पार्टी के पदाधिकारियों ने बयान जारी किया है। 

दुर्ग भिलाई जिला की संयुक्त बैठक शनिवार को जब जिला भाजपा कार्यालय दुर्ग में आयोजित की गई तब उस बैठक में प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय के अलावा दोनों जिलों के जिला संगठन प्रभारी भी मौजूद रहे आम तौर पर भाजपा में यही होता है कि पार्टी संगठन की बैठकों के अंदर रखे जाने वाले विचार को परिवार के अंदर रखा गया विचार मानकर उसकी चर्चा सार्वजनिक तौर पर मीडिया में कभी नहीं की जाती रही परंतु दुर्ग और भिलाई जिले की भाजपा अब अनुशासन की नई परिभाषा गढ़ रही है। 

दुर्ग जिला भाजपा कार्यालय में शनिवार को हुई बैठक में विजय बघेल ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए विपक्ष के असली तेवर दिखाने तथा संगठन को और भी अधिक ताकत के साथ जेल भरो आंदोलन में प्रदर्शन करने की बात कही। विजय बघेल ने बैठक में जो कुछ भी कहा और किया वो पार्टी संगठन की बैठक के अंदर और प्रदेश संगठन महामंत्री की उपस्थिति में कहा, ना कि पार्टी संगठन के बाहर जाकर मीडिया में सार्वजनिक तौर कहा जबकि सरोज समर्थक वीरेंद्र साहू, सांवलाराम डाहरे, उषा टावरी और चंद्रिका चंद्राकर ने संगठनात्मक अनुशासन की सीमा को लांघते हुए बैठक की अंदरूनी चर्चाओं पर मीडिया में प्रेस विज्ञप्ति जारी करके अपने ही लोकसभा सांसद के खिलाफ बयान देकर अंदरूनी पारिवारिक चर्चा को सड़क में लाने का काम किया। सरोज पाण्डेय के समर्थकों का यह कदम विजय बघेल द्वारा कही गई बातों पर मुहर ही लगाता है कि दुर्ग भिलाई में भाजपा संगठन बेहद कमजोर स्थिति में है सरोज पाण्डेय समर्थक अपने बयानों से विजय बघेल को तो घेर रहे हैं परंतु अपनी इस हरकत से स्वयं के नेतृत्व में हो रहे संगठन के खोखलेपन को भी उजागर कर रहे हैं।
विजय बघेल समर्थकों का मानना है कि विजय बघेल ने तो संगठन के परिवार के अंदर अपनी बात कही है और परिवार के अंदर कोई बात कहना अनुचित नहीं है, इसी परिवार की अंदरूनी बैठक में अगले वक्ता राकेश पाण्डेय ने भी विजय बघेल को अपना जवाब दे दिया था, ऐसे में इस विषय का वही पटाक्षेप हो जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा ना करते हुए पार्टी संगठन के अंदर बैठक में हुई आपसी चर्चा को मीडिया के माध्यम से जनता तक ले जाने का कोई औचित्य नहीं था क्योंकि इस बैठक में स्वयं प्रदेश संगठन महामंत्री भी उपस्थित थे यदि कोई अनुशासनहीनता बैठक के अंदर चल रही थी तो उसका संज्ञान प्रदेश संगठन स्वयं ले रहा था ऐसे में प्रदेश संगठन पर भी भरोसा ना करते हुए अपने ही लोकसभा सांसद के खिलाफ मीडिया में बयान जारी करना यह दर्शाता है कि दुर्ग भिलाई जिला संगठन में बैठे लोग जो पार्टी की मंशा के अनुरूप परिणाम देने में नाकाबिल साबित हो रहे हैं इसलिए खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे की तर्ज पर पार्टी पदाधिकारी होते हुए भी अनुशासनहीनता से पीछे नहीं हट रहे हैं और अपनी असफलता का ठीकरा विजय बघेल पर फोड़ना चाह रहे हैं जबकि सामान्य सिद्धांत है कि जिसके सिर पर ताज होता है उसी के सिर पर अभियान के सफल और असफल होने की जिम्मेदारी होती है और दुर्ग भिलाई जिला भाजपा संगठन में जब सरोज समर्थकों के सिर पर ही संगठन का ताज है तो अपनी असफलता का ठीकरा विजय बघेल पर फोड़ने का प्रयास उनकी अपरिपक्वता ही है।  

दुर्ग और भिलाई जिला की संयुक्त बैठक में बैठे हुए 300 लोगों में से 95% लोग सरोज पाण्डेय समर्थक थे लेकिन जो बैठक में मौजूद नहीं थे ऐसे सामान्य कार्यकर्ता जिनकी संख्या हजारों में हैं, उन कार्यकर्ताओं तक यह संदेश तो चला गया कि दुर्ग भिलाई जिला भाजपा में जो लोग बैठे हैं उनसे संगठन नहीं संभल रहा है। 

पिछले दिनों प्रदेश प्रभारी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव डी पुरंदेश्वरी ने स्पष्ट रूप से दुर्ग भिलाई में पार्टी के कार्यक्रमों को सफल बनाने और अनुशासन से काम करने की नसीहत दी थी परंतु डी पुरंदेश्वरी के दौरे के 15 दिन में ही जिला संगठन के लोग डी पुरंदेश्वरी की सीख को भूलकर पार्टी के अंदरूनी झगड़ों को विज्ञप्ति जारी कर मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुंचाने जैसा अनुशासनहीनता भरा काम करके जनता की नजर में अपनी पार्टी की जगहंसाई करा रहे हैं। 

बहरहाल, विचारों के आपसी आदान-प्रदान को लेकर उत्पन्न विवाद जब पार्टी संगठन के लोगों ने खुद ही मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुंचा दिया है उसके बाद उन्हें अब जेल भरो आंदोलन कार्यक्रम की सफलता की चिंता सता रही है और कुछ घंटों में ही उनकी परीक्षा की घड़ी भी आने वाली है। प्रदेश संगठन द्वारा तय किए गए लक्ष्य अनुसार दुर्ग-भिलाई दोनों जिले से संयुक्त रूप से 5000 लोगों को गिरफ्तारी देनी है इसलिए अब दोनों जिलों के संगठन पदाधिकारी विजय बघेल को निरुत्तर करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं और कुछ घंटों बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि दुर्ग भिलाई जिला भाजपा संगठन कितने पानी में है?