राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रही कंपनियों के प्लेसमेंट छत्तीसगढ़ लाने वाले विशेषज्ञों ने प्लेसमेंट सेल को बताए सफलता के गुर

राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रही कंपनियों के प्लेसमेंट छत्तीसगढ़ लाने वाले विशेषज्ञों ने प्लेसमेंट सेल को बताए सफलता के गुर

-कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि दुर्ग एजुकेशन हब जैसा, यहां मेगा प्लेसमेंट कर हुनरमंद युवाओं को दिलाएंगे रोजगार
-विशेषज्ञों ने प्लेसमेंट सेल को बताया कि क्या करें जिससे उनके प्लेसमेंट तेजी से बढ़ पाएं
दुर्ग। जिले में हुनरमंद और पेशेवर युवाओं को नियोक्ताओं से जोडऩे के लिए जो बड़ी मुहिम कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा चलाई जा रही है। इसकी अहम कड़ी के रूप में आज बीआईटी सभागार में प्लेसमेंट सेल की वर्कशाप हुई। इसमें कलेक्टर श्री मीणा ने सफल प्लेसमेंट के लिए रणनीति बनाए लोगों के फीडबैक लिये, साथ ही उनसे अपने अनुभव भी साझा किये। श्री मीणा ने कहा कि मेरी डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन की पदस्थापना के दौरान हमने प्लेसमेंट पर काफी मेहनत की। छत्तीसगढ़ और प्रदेश की बाहर की कंपनियों से बातचीत की। मेहनत सफल रही और राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही कंपनियों ने भी हमारे यहां से बड़ी संख्या में युवाओं को हायर किया। इस सफलता के पीछे  जगपाल बल जैसे तकनीकी शिक्षा के अधिकारियों का बड़ा योगदान है जिन्हें आज कार्यशाला में आमंत्रित किया गया हैं। कलेक्टर ने आईआईएम बंगलुरू में अपनी पढ़ाई के दौरान ऐसी संस्थाओं के प्लेसमेंट सेल से जुड़े अनुभव भी साझा किये। इस दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई भी मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि मार्केट में जिन स्किल की जरूरत महसूस की जा रही है उसके ट्रेंड को भांपकर युवाओं को इसके लिए तैयार करें। समर वेकेशन में इस तरह से स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान दिया जा सकता है। इंटर्नशिप वगैरह को बढ़ावा मिले ताकि काम की प्रकृति की समझ थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल भी हो। इस मौके पर उप संचालक जनशक्ति नियोजन राजकुमार कुर्रे भी मौजूद रहे।
पायथन जैसे कोर्स सिखाएं
कलेक्टर ने कहा कि नियोक्ताओं को नये जमाने के ट्रेंड के मुताबिक एक्सपर्ट लोग चाहिए। जैसेकि आजकल पायथन की काफी डिमांड है तो कालेज अपनी कोर्स की पढ़ाई के साथ ही स्किल सेट के रूप में इसे भी तैयार करें तो बढिय़ा होगा। कल्याण कालेज के प्लेसमेंट सेल के अधिकारी ने  बताया कि उन्होंने कामर्स की पढ़ाई के साथ ही टैक्स के ई- सबमिशन की ट्रेनिंग भी युवाओं को दी। इससे प्लेसमेंट में काफी सहायता मिली। रूंगटा समूह के अधिकारियों ने बताया कि हमारे पास विभिन्न कोर्स से जुड़े कंसल्टेंट हैं जैसे कोर ब्रांच में निको जायसवाल के कंसल्टेंट हैं। उन्हें जैसी जरूरत होती है उस तरह से हम युवाओं का स्किल डेवलपमेंट करते हैं जिससे प्लेसमेंट के लिए उन्हें योग्य युवा आसानी से मिल जाते हैं। शंकरा समूह के अधिकारियों ने कहा कि कोर ब्रांच में हमारा जोर इंटर्नशिप पर होता है ताकि प्रैक्टिकल ट्रेनिंग युवाओं को मिल सके। नियोक्ताओं से लगातार उनकी जरूरत के संबंध में हम संपर्क में रहते हैं।

प्लेसमेंट के लिए इस तरह से बनाया प्लान
कलेक्टर ने बताया कि हम लोग डाटा बेस तैयार कर रहे हैं। सभी नियोक्ताओं से संपर्क में हैं उन्हें किस तरह के स्किल की जरूरत है। दूसरी तरफ पास आउट एवं अंतिम वर्ष के युवाओं जिन्हें प्लेसमेंट की जरूरत है। उनका भी डाटा बेस बनाया है। हमने दो तरह से प्लान किया है। छत्तीसगढ़ में और छत्तीसगढ़ के बाहर। जो युवा छत्तीसगढ़ से बाहर का विकल्प भी चुनते हैं उनके लिए हम राष्ट्रीय स्तर के नियोक्ताओं के संपर्क में हैं। कोविड ने प्लेसमेंट की दुनिया में जूम और गूगल मीट जैसे वर्चुअल माध्यमों से इंटरव्यू के रास्ते खोल दिये हैं। सभी प्लेसमेंट सेल को कह दिया गया है कि फोन के माध्यम से एवं मेल के माध्यम से एप्वाइंटमेंट करा लें। अनुभव इस तरह का है कि लगभग 60 प्रतिशत कंपनियां इन माध्यमों से प्लेसमेंट में हिस्सा लेने तैयार हो जाती हैं।
प्लेसमेंट के लिए जरूरी स्किल भी बताए
विशेषज्ञों ने प्लेसमेंट के लिए जरूरी स्किल भी बताए। सबसे पहले तो यह कि कंपनी को किस तरह के माइंडसेट के और किस तकनीकी विशेषज्ञता के युवाओं की जरूरत है। इस पर प्लेसमेंट सेल काम करें और इसके लिए योग्य युवाओं को तैयार करें। फिर एक सामान्य गुण विकसित करने के पीछे भी ध्यान दें जिसमें कम्युनिकेशन स्किल, मल्टी टास्किंग, तनाव झेलने की क्षमता और नवाचार के लिए आगे आने की दक्षता भी हो।