पहली बैठक में अफसरों ने कॉन्ट्रैक्टरो की मांग पर दी सहमति

-  पीडब्ल्यूडी सचिव और प्रमुख अभियंता थे मौजूद, सप्ताह भर बाद फिर होगी बैठक

रायपुर । प्रदेशभर के निर्माण विभागों में करोड़ों रुपए के टेंडर बहिष्कार के निर्णय से शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया है, दो दिन बाद पीडब्ल्यूडी और मुख्यमंत्री के सचिव कोमल सिद्धार्थ परदेशी और पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता विजय भतपहरी ने संयुक्त रूप से छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों को सोमवार को बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया ।सोमवार दोपहर 2:00 बजे पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में कांट्रेक्टेर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीरेश शुक्ला सहित, 10 पदाधिकारियों के साथ शासन के अफसरों ने कॉन्ट्रैक्टरो की मांग पत्र पर बिंदुवार चर्चा की, करीब दो घंटे तक चली बैठक में अधिकांश मांगो को जायज मानते हुए निराकरण की दिशा में सहमति जताया है। साथ ही एक सप्ताह के भीतर फिर बैठक आहूत करने का निर्णय है। निविदा बहिष्कार के तीसरे दिन हुई बैठक में लोक निर्माण विभाग के सचिव कोमल सिद्धार्थ परदेसी, छत्तीसगढ़ रोड कॉरपोरेशन के एमडी हिमशिखर गुप्ता के साथ प्रमुख अभियंता वीके भतपहरी, एडीबी प्रोजेक्टर डायरेक्टर एस के कोरी, रायपुर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता ज्ञानेश्वर कश्यप, अधीक्षण अभियंता बीएस कुर्राम मौजूद थे।दो घंटे तक चली बैठक सकारात्मक रहीएसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने कहा है कि अधिकारियों के साथ हुई बैठक काफी सकारात्मक रही, बैठक दो घंटे चली, जिसमें मुख्य रूप से निर्माण विभागों में अनुबंध के बाद बढ़े मटेरियल के दामों सहित, कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई, परंतु अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। बैठक में अफसरों ने एसओआर दर और बाजार मूल के अंतर की राशि का पैकेज दूसरे राज्यों में किस तरह तय की गई है?। साथ ही गौण खनिज रॉयल्टी जिसके कारण कॉन्टैक्टर परेशान है, उस विषय पर भी दूसरे राज्यों की शर्तों की जानकारी मांगा है। एसोसिएशन ने तय किया है कि बढ़ते हुए मटेरियल के कारण, जिस तरह से सभी निर्माण विभागों के कांन्ट्रैक्टरो कर्ज में डूबे हैं या डूब रहे हैं। इसी मजबूरी की वजह से टेंडर बहिष्कार का निर्णय लिया है! इसलिए जब तक एसओआर दर और बाजार मूल्य के बीच के अंतर की राशि सहित 15 सूत्रीय मांगों पर ठोस निराकरण का रास्ता नहीं निकल जाता, तब तक सभी विभागों के टेंडरों का बहिष्कार किया जाएगा।