दुर्ग में भी दिख रहा है पशुओं में लंपी का क़हर सेवा के लिए जीव दया ग्रुप तैयार

दुर्ग में भी दिख रहा है पशुओं में लंपी का क़हर सेवा के लिए जीव दया ग्रुप तैयार

दक्षिणापथ, दुर्ग। जीव दया ग्रुप द्वारा लगातार 3 दिनों के प्रयास एवम् महापौर धीरज बाकलीवाल के निर्देश के फलस्वरूप गुरुवार  को  सरकारी डॉक्टरों द्वारा आशंकित लंपि वायरस गाय का ब्लड सैंपल टेस्ट के लिए रायपुर भेजा गया |
      ग्रुप के सदस्य अर्पित लोढ़ा , अमित बाफना, महेश पारख, गौरव पांड्या, ऋषि बोथरा , मयंक बोथरा, मतीश चोपड़ा द्वारा सरकार एवं डॉक्टरों की टीम से लगातार निवेदन किया जा रहा है कि रिपोर्ट जल्द से जल्द आ जाए एवं आशंकित लंपी वायरस गाय का रिपोर्ट आते तक आइसोलेशन पर रखा जाए।

क्या है लंपी वायरस, जानें इसके लक्षण

लंपी वायरस, पशुओं में फैलने वाला एक चर्म रोग (Lampi Skin Desease) है। राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी इसका संक्रमण बढ़ा है। जानकारी के मुताबिक, इस वायरस की देश में एंट्री पाकिस्तान के रास्ते हुई है। इस बीमारी से ग्रसित जानवरों के शरीर पर सैकड़ों की संख्या में गांठे उभर आती हैं। साथ ही तेज बुखार, मुंह से पानी टपकना शुरू हो जाता है। इससे पशुओं को बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होती है। उसे चारा खाने और पानी पीने में भी परेशानी होती है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो मच्छर, मक्खी और जूं आदि के काटने या सीधा संपर्क में आने से फैलती है। कम प्रतिरोधक क्षमता वाली गायें शीघ्र ही इस वायरस की शिकार हो जाती है। बाद में यह वायरस एक से दूसरे पशुओं में फैल जाता है। राहुल कोचर ने बताया खास तौर से गायों में लगातार फैल रहे लंपी वायरस ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। गौशालाओं के बाहर पशुपालकों के पशु भी लंपी वायरस की चपेट में आने लगे हैं। राज्य सरकार इस वायरस पर नियंत्रण पाने के प्रयास कर रही है लेकिन फिलहाल यह काबू में नहीं आया है। सरकार ने पशुपालकों से अपील की है कि वे जागरूकता बरतते हुए अपनी गायों को इस वायरस की चपेट में आने से बचाएं। यह बीमारी लाइलाज है। ऐसे में एहतियात बरतना बेहद जरूरी है।