डोंगरगढ़ कौवापानी जंगल से गुजरती सड़क पर नजर आया तेंदुआ लेपर्ड, तेंदुए के जोड़े मिलने से वन्य अधिकारियों को खुशी

डोंगरगढ़ कौवापानी जंगल से गुजरती सड़क पर नजर आया तेंदुआ लेपर्ड, तेंदुए के जोड़े मिलने से वन्य अधिकारियों को खुशी

दक्षिणापथ. रेलवे में पदस्थ अनूप कुमार नायक जो कि वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर भी हैं जो अपने मित्र दानेश सिन्हा एवं सौमित्र आर्या के साथ डोंगरगढ़ के कहुवा पानी के जंगल की तरफ पक्षियों की फोटोग्राफी के लिये गए थे। घने जंगल के बीच उन्हें सड़क पार करते हुए तेंदुआ मिला। तेंदुए खासतौर पर बहुत शर्मीले होते हैं। लेकिन यह तेंदुआ  लगभग एक घण्टे के करीब वहीं रहा। थोड़ी ही देर में मादा तेंदुआ भी वहीं साथ दिखी। स्थानीय व्यक्तियों ने बताया कि 3 दिन पहले ही गाँव मे एक गाय को वह अपना शिकार बनाया था। तेंदुए के जोड़े मिलने से वन्य अधिकारियों को खुशी मिली। 


पर्यावरण प्रकृति प्रेमी प्रशांत कुमार क्षीरसागर ने तेंदुआ की रोचक और दिलचस्प बातें तेंदुआ के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि 9 प्रजाति होती है लंबाई 2.85 मीटर और अकेला रहना पसंद करता है। तेंदुआ लेपर्ड नाम से भी जाना जाता है साउथ अफ्रीका और एशिया भारत में पाया जाता है। वह शक्तिशाली और चतुर जीव है शिकार करने की और हमला करने की गजब शैली होती है। तेंदुआ 58 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज दौड़ सकता है जीवन तेंदुआ का जीवनकाल 12 से 17 वर्ष होता है। अंधेरे में आसानी से अपना शिकार करता है 7 गुना इसकी आंखे तेज होती है कान बहुत तेज होते हैं शिकार रात में शिकार करता है। दिन में सोता है वजन 55 से 75 केजी होता है 6 मीटर दूरी तक छलांग लगा सकता है।